सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति आज पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा
सी वी रमन विपनेट विज्ञान क्लब सरोजिनी कॉलोनी के सदस्य आजकल पूर्वी आकाश की तरफ एक चमकते हुए सितारे को देखकर बहुत जिज्ञासा में रहते हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सी वी रमन विपनेट विज्ञान क्लब सरोजिनी कॉलोनी के सदस्य आजकल पूर्वी आकाश की तरफ एक चमकते हुए सितारे को देखकर बहुत जिज्ञासा में रहते हैं। असल में जो यह चमक रहा है वो एक तारा ना होकर बृहस्पति ग्रह है, जो आजकल पृथ्वी से अपनी सबसे नजदीक दूरी पर स्थित है।
सोमवार को सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति धरती के सबसे अधिक नजदीक होगा। पृथ्वी के सबसे पास होने की वजह से बृहस्पति ग्रह अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। एक टेलिस्कोप के द्वारा उसके चार चंद्रमाओं को भी देखा जा सकेगा। बृहस्पति ग्रह को तो बिना टेलेस्कोप भी देखा जा रहा है। देश भर के खगोलप्रेमी पूरी रात बृहस्पति ग्रह व इसके चंद्रमाओं को निहार सकेंगे।
क्लब समन्वयक दर्शन लाल बवेजा ने बताया कि बृहस्पति के इन दिखने वाले चारों चंद्रमाओं गैलेलियन मूनस कहा जाता है, क्योंकि इन चंद्रमाओं को सबसे पहले गैलीलियो ने सन 1610 में देखा था। इन चारों चंद्रमाओं के नाम आयो, यूरोपा, कैलिस्टो और गैनीमेड हैं। यहां एक हैरतअंगेज तथ्य यह भी है कि गैनीमेड बृहस्पति का सबसे बड़ा चंद्रमा है साथ ही साथ इसको सौरमंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा भी माना जाता है। गैनीमेड बुध ग्रह से भी बड़ा है। इसका व्यास बुध के व्यास से लगभग 5268 किमी अधिक है। आज की रात को 8.45 मिनट पर बृहस्पति ग्रह की दूरी पृथ्वी से दूरी सबसे कम यानी न्यूनतम हो जाएगी। बृहस्पति गृह से पृथ्वी की दूरी 640.91 मिलियन किमी रह जाएगी।