अधिकारियों की शह पर अपराधियों की जेल में मौज
जब चाहे जिससे चाहे बात कर सकते हैं। यह सब जेल अधिकारियों की शह पर हो रहा है। अब तक यहां जेल एसपी रतन सिंह रहे।
जिला जेल में अपराधियों की मौज है। बड़े अपराधियों के पास मोबाइल हैं। जब चाहे, जिससे चाहे बात कर सकते हैं। यह सब जेल अधिकारियों की शह पर हो रहा है। अब तक यहां जेल एसपी रतन सिंह रहे। अब उनका तबादला हुआ, तो हिसार से नए एसपी संजीव पाटड़ यहां पर पहुंचे। आते ही उन्होंने टीम बनाकर जेल में सघन चेकिग कराई। जिसमें राज खुले गए। जेल में अपराधियों के पास से मोबाइल मिले। यह मोबाइल भी उनके बिस्तर में रखे हुए थे। 11 मोबाइल बरामद हुए। इसके साथ बैट्री, चार्जर व सिम भी थे। हालांकि इन मोबाइलों में से किसी का भी आइएमईआइ नंबर नहीं था। जिससे यह मोबाइल सर्विलांस की पकड़ में न आए। यहां से मिले मोबाइलों को लेकर जेल में सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि जेल में हर सुविधा अपराधियों को मिलती है। पड़ोसियों की मेहमानों पर नजर
कोरोना की अब भी दहशत बनी हुई है। ऐसे में पड़ोसियों के यहां आने जाने वालों पर लोगों की पैनी नजर रहती है। किसी के यहां कोई बाहर से आए, तो तुरंत पुलिस या स्वास्थ्य विभाग को सूचना पहुंच जाती है। कुछ लोग तो जागरूक हैं। वह बाहर से आने वाले की सूचना देना जिम्मेदारी समझते हैं, लेकिन इसमें भी कुछ ऐसे हैं, जो पड़ोसी से रंजिश निकालते हैं। हाल ही में प्रतापनगर थाना क्षेत्र के गांव में एक परिवार में दो तीन मेहमान आए हुए थे। किसी ने पुलिस को सूचना दे दी कि जमाती आए हुए हैं। बस क्या था, तुरंत पुलिस पहुंच गई। पुलिस को देखकर मेहमान व मेजबान दोनों भौचक्के रह गए। पुलिस ने फटकार भी लगाई। बाद में किसी तरह से समझाया कि ये लोग बाहर से नहीं आए हैं। यही से हैं। बड़ी मिन्नतें व समझाने के बाद ही पुलिस वापस लौटी।
कंटेनमेंट जोन को लेकर अलग-अलग नियम
कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। इसके साथ कंटेनमेंट जोनों की संख्या भी बढ़ रही है। कंटेनमेंट जोन को लेकर नियम भी अलग-अलग हैं। अभी जेके होटल के बराबर में रहने वाला व्यापारी कोरोना संक्रमित मिला। प्रशासन ने होटल व उसके मकान के आसपास का एरिया सील कर दिया। कमाल यह है कि होटल का पीछे का हिस्सा सील किया गया, लेकिन आगे का खुला हुआ है। जिसमें लोगों का आना जाना लगा है। अब इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। यदि पीछे का हिस्सा सील किया गया है, तो आगे का क्यों नहीं। कुछ जगहों पर पूरी कालोनी सील कर दी जाती है, तो कुछ जगहों पर मात्र एक या दो घरों को ही कंटेनमेंट जोन में लिया जाता है। आजादनगर कालोनी में कंटेनमेंट जोन को लेकर पुलिसकर्मियों के साथ विवाद भी हो चुका है। जिसमें एक पुलिसकर्मी के सिर में पत्थर लगने से चोट लग गई थी। लकड़ी व्यापारियों का विवाद गहराया
इन दिनों लकड़ी के व्यापारियों का विवाद चर्चा में है। एक पक्ष ने यूनियन की ओर से दूसरे व्यापारी को माल देने पर पाबंदी लगा दी। जिस पर पाबंदी लगी, उसने भी यूनियन को फर्जी बताते हुए पत्र जारी कर दिया। अब यह मामला तूल पकड़ रहा है। रोजाना बैठकों का दौर चल रहा है। पहले यूनियन की ओर से पत्र जारी हुआ कि व्यापारी को कोई भी सहयोग नहीं किया जाएगा। इसके बाद व्यापारी ने पत्र जारी किया कि उनकी रेपूटेशन मार्केट में खराब कर दी गई। जो खुद को यूनियन के पदाधिकारी बता रहे हैं। यह यूनियन ही रजिस्टर्ड नहीं है। इसकी चर्चा अब अधिकारियों तक भी पहुंच गई है। इस मामले को निपटाने में दोनों ओर से कोशिश भी हो रही है, लेकिन अभी तक बात बनती नहीं दिख रही। एक बार फिर से बैठक बुलाई गई है। देखते हैं, उसमें क्या निष्कर्ष निकलेगा।
प्रस्तुति : अवनीश कुमार