लोगों को बिना कट मिलती रहे बिजली, इसके लिए निगम ने 141 किलोमीटर लंबी तार बदली : योगराज
बिजली कटने पर निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को कोसने लगते हैं लोग।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गर्मी में कोई भी तेज धूप में बाहर निकलना पसंद नहीं करता। कोशिश यही रहती है कि पंखे, कूलर व एसी की हवा में बैठ कर किसी तरह खुद का गर्मी से बचाव किया जा सके। ऐसे में यदि बिजली कट लग जाए तो हर कोई निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को कोसने लगता है। इसलिए गर्मी के दिनों में बिजली निगम के अधिकारियों व स्टाफ की जिम्मेदारी बढ़ जाती है ताकि सभी को बिजली सुचारू रूप से बिना कट के मिलती रहे। इन सभी विषयों पर बिजली निगम के एसई योगराज से दैनिक जागरण संवाददाता राजेश कुमार ने बातचीत की। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश : सवाल : गर्मी के लिए निगम ने क्या तैयारी की है?
जवाब : गर्मी के दिनों में बिजली की खपत सबसे ज्यादा होती है। इसके लिए निगम ने बहुत पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। शहर में बिजली की जितनी भी कमजोर तारें थी उन सभी को बदला गया है। अब तक 141 किलोमीटर लंबी तारों को बदला जा चुका है। अब भी जहां से इस तरह की शिकायत आती है वहां तारों को बदल देते हैं। सवाल : ओवरलोड कम करने के लिए क्या कर रहे हैं?
जवाब : शहर के 11 फीडर ऐसे थे जो बहुत ज्यादा ओवरलोड थे। बार-बार इनमें कट लगता था जिससे बिजली गुल हो जाती थी। अब इन फीडरों को दो भागों में बांटा जा रहा है। इनमें से छह फीडरों पर लोड कम करने का काम पूरा हो चुका है। जबकि पांच फीडरों पर काम प्रगति पर है। जल्द ही इन्हें भी पूरा कर लिया जाएगा। सवाल : गर्मी में लोगों को कितनी बिजली दे पाएंगे?
जवाब : जब से लॉकडाउन लगा है तब से बिजली की खपत काफी कम है। क्योंकि इंडस्ट्री भी पूरी तरह से नहीं चल पाई है। दूसरा दुकानें, शोरूम अभी ऑड-ईवन फार्मूले से खुल रही हैं। जिस कारण एसी, पंखे, कूलर पूरी तरह से नहीं चल पा रहे। इसलिए बिजली की खपत गत वर्ष के मुकाबले काफी कम है। सवाल : मेरा गांव जगमग गांव योजना की क्या स्थिति है?
जवाब : इस योजना के तहत 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। लोगों के मीटर घरों से बाहर लग चुके हैं। तारों की जगह केबल तार डाली गई है। बाकी काम भी पूरा हो जाता लेकिन लॉकडाउन के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका। जवाब : धान रोपाई के लिए निगम कितना तैयार है?
जवाब : अगले माह से धान की रोपाई शुरू हो जाएगी। धान को लगाने के लिए पानी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए किसानों को बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी। दिन व रात को निर्धारित शेड्यूल के अनुसार बिजली दी जाएगी। ताकि वे खेत को रोपाई के लिए तैयार कर सकें। सवाल : लॉकडाउन में बिजली बिलों में त्रुटियां देखने को मिल रही हैं।
जवाब : लॉकडाउन में सरकार के आदेशानुसार सभी बिल एवरेज बेस पर भेजे गए हैं। कुछ लोगों की शिकायत है कि उनके बिल ज्यादा भेज दिए गए। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो बिल की राशि अगले बिलों में एडजस्ट हो जाएगी। सवाल : बिजली सप्लाई में पेड़ किस तरह से बाधा बन रहे हैं
जवाब : जहां से बिजली की लाइन गुजर रही हैं वहां पर काफी संख्या में पेड़ खड़े हैं। अब भी लोग तार के नीचे ही पेड़ लगा देते हैं। जब तूफान या तेज हवा चलती है तो यही पेड़ तारों पर गिर जाते हैं जिससे बिजली सप्लाई में बाधा आती है। इसलिए तारों के आसपास के पेड़ों की छंटाई निगम द्वारा कराई जा रही है।