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ठेकदार का आरोप गांवों में निर्धारित जगह पर न होकर तंग गलियों में खोले डिपो

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के डिपो पर राशन सप्लाई करने वाले ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि गांवों में जो डिपो चल रहे हैं उनमें से ज्यादातर अपने निर्धारित स्थान पर नहीं हैं। वह गांव की तंग गलियों में खोले हुए हैं। जहां पर उनकी गाड़ी तक नहीं जाती। इसकी शिकायत डीएफएससी कार्यालय में दे चुके हैं परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 08:16 PM (IST)
ठेकदार का आरोप गांवों में निर्धारित जगह पर न होकर तंग गलियों में खोले डिपो
ठेकदार का आरोप गांवों में निर्धारित जगह पर न होकर तंग गलियों में खोले डिपो

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के डिपो पर राशन सप्लाई करने वाले ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि गांवों में जो डिपो चल रहे हैं उनमें से ज्यादातर अपने निर्धारित स्थान पर नहीं हैं। वह गांव की तंग गलियों में खोले हुए हैं। जहां पर उनकी गाड़ी तक नहीं जाती। इसकी शिकायत डीएफएससी कार्यालय में दे चुके हैं परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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प्रवीण कुमार व मोनू ने बताया कि उन्होंने जगाधरी डिवीजन में सुरेश एंड कंपनी के नाम से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के डिपो पर राशन सप्लाई करने का ठेका लिया हुआ है। विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत करके डिपो संचालकों ने राशन डिपो को गांवों के बीच में तंग गलियों में खोल रखा है। जबकि विभाग के रिकार्ड में उनके नक्शे चौड़ी गलियों में बने हुए हैं। जब वह राशन सप्लाई करने जाते हैं तो जगह तंग होने के कारण उनकी गाड़ी भी डिपो तक नहीं पहुंच पाती। इसके लिए उन्हें अलग से छोटी गाड़ियों का प्रबंध करना पड़ता है। एक गाड़ी से दूसरी गाड़ी में राशन लादते समय राशन की बोरियां भी फट जाती हैं। इससे डिपो होल्डर आरोप लगाते हैं कि उन्हें राशन पूरा नहीं मिल रहा। वह उनकी शिकायत अधिकारियों से करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह हैफेड के गोदाम से जो राशन उठाते हैं उसकी एवज में उनसे अवैध रूप से एक रुपया प्रति कट्टे के हिसाब से वसूला जाता है। वह इसकी शिकायत कई बार डीएफएससी को लिखित में भी दे चुके हैं। परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वह शिकायत करते हैं तो उन्हें सप्लाई के लिए राशन देना बंद कर देते हैं। मजबूरी में उन्हें फिर से रुपये देने पड़ते हैं। कर्मचारी उन्हें स्लो लिफ्टिग के मैसेज डालते हैं। वह रोजाना चार- पांच हजार कट्टे गोदाम से उठाते हैं। इसलिए तरह उन्हें रोजाना इतने रुपये फालतू देने पड़ रहे हैं। प्रवीण ने बताया कि करीब 50 प्रतिशत डिपो ऐसे हैं जो तंग गलियों में है। इससे उन्हें राशन सप्लाई करने में परेशानी हो रही है।

इस बारे में डीएफएससी कुशलपाल बूरा का कहना है कि उन्हें अब तक किसी ठेकेदार से इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है। जो लोग आरोप लगा रहे हैं उन पर विभाग ने जुर्माना लगाया हुआ है। वह कार्यालय में पता करेंगे अगर कोई रुपये लेने संबंधित शिकायत आई है तो उस पर कार्रवाई करेंगे।


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