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सिविल अस्पताल जगाधरी में शेल्टर होम का निर्माण लटका

सिविल अस्पताल जगाधरी में बनने वाले शेल्टर होम का निर्माण कार्य लटक गया है। करीब 24 लाख रुपये की लागत से इसका निर्माण कार्य होना था। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने निर्माण कार्य शुरू कराया था। उसके बाद से काम बंद पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 06:02 AM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 06:02 AM (IST)
सिविल अस्पताल जगाधरी में शेल्टर होम का निर्माण लटका
सिविल अस्पताल जगाधरी में शेल्टर होम का निर्माण लटका

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सिविल अस्पताल जगाधरी में बनने वाले शेल्टर होम का निर्माण कार्य लटक गया है। करीब 24 लाख रुपये की लागत से इसका निर्माण कार्य होना था। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने निर्माण कार्य शुरू कराया था। उसके बाद से काम बंद पड़ा है। शेल्टर होम न होने की वजह से मरीजों के तीमारदारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उनको अस्पताल से देर-सवेर घर लौटना पड़ता है या फिर पैसे खर्च कर होटल में कमरा लेना पड़ रहा है। वर्तमान में इस अस्पताल में 50 बेड की सुविधा है। अधिकतर बेड फुल रहते हैं।

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वर्ष 2014 में कैबिनेट मंत्री कुमारी सैलजा ने लोगों की मांग पर शेल्टर होम बनाने के लिए पैसा दिया था। इस दौरान शहर में भी कई शेल्टर होमों का निर्माण कराया गया। जिनमें बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्री रुकते हैं। रेडक्रॉस के अधिकारियों को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारी नहीं ले रहे सुध :

जिस समय मंत्री ने बजट जारी किया। तब भी अधिकारियों ने काम शुरू कराने में सुस्ती बरती थी। काफी समय के बाद शेल्टर होम का कार्य शुरू किया गया। कार्य देरी से शुरू होने पर बजट की कमी आ गई। अब 24 लाख खर्च होने के बाद काम रुकवा दिया गया है। शहरवासी नरेंद्र कुमार, सतीश कुमार, अनिल कुमार का कहना है कि अधिकारी ऐसे ही लापरवाही बरतते हैं, जिस कारण निर्माण का बजट बढ़ जाता है। ऐसा ही सरकारी अस्पताल में बनने वाले शेल्टर होम के निर्माण में हुआ है। चिकित्साधीक्षक डा. पूनम चौधरी ने बताया कि शेल्टर होम का कार्य अभी रुका हुआ है। नगर निगम की देखरेख में यह कार्य होना था। वहीं से बजट जारी होगा।


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