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गलत दवाई देने वाले चिकित्सक के खिलाफ जांच करेगी कमेटी

रुकाली निवासी अनिल राठी की मौत के मामले में आरोपित डॉक्टर के खिलाफ जांच अब प्रदेशस्तरीय कमेटी करेगी। इस मामले में पीड़ित पिता कुलदीप की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित डॉक्टर के खिलाफ डीडीआर दर्ज कर ली थी। एसपी को शिकायत देने के बाद यह कार्रवाई हुई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 11:38 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 11:38 PM (IST)
गलत दवाई देने वाले चिकित्सक के खिलाफ जांच करेगी कमेटी
गलत दवाई देने वाले चिकित्सक के खिलाफ जांच करेगी कमेटी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : रुकाली निवासी अनिल राठी की मौत के मामले में आरोपित डॉक्टर के खिलाफ जांच अब प्रदेशस्तरीय कमेटी करेगी। इस मामले में पीड़ित पिता कुलदीप की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित डॉक्टर के खिलाफ डीडीआर दर्ज कर ली थी। एसपी को शिकायत देने के बाद यह कार्रवाई हुई। बिलासपुर थाना प्रभारी रमेशचंद का कहना है कि एसपी के माध्यम से यह मामला उनके पास आया है। इसमें जांच चिकित्सकों को करनी है। सोमवार को टीम आई थी। उसने केस की डिटेल ली है। उधर, सीएमओ डॉ. कुलदीप ¨सह का कहना है कि आयुर्वेदिक का चिकित्सक एलोपैथिक की दवाई नहीं दे सकता। अब आरोपित चिकित्सक का मामला बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। यदि वह दोषी मिलता है, तो 304 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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पुलिस को कुलदीप ¨सह ने बताया कि उसके 27 वर्षीय इकलौते बेटे अमित राठी को बुखार आया था। बिलासपुर के एक जीएएमएस डिग्रीधारक डॉक्टर से दवाई ली। आरोप है कि दवाई लेने के बाद बुखार नहीं उतरा और उल्टी शुरू हो गई। डॉक्टर के बताए अनुसार और दो दिन तक दवाई लेता रहा। तेज दवाई खाने से शरीर को और भी ज्यादा नुकसान पहुंचा। तबीयत सुधरने के बजाय बिगड़ती चली गई। बाद में उसको क्षेत्र के एक अन्य डॉक्टर के ले जाया गया। उसने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेने की बात कही। बाद में वह बेटे को लेकर चंडीगढ़ के आलकेमिस्ट अस्पताल में चला गया। यहां डॉक्टरों ने टेस्ट कराए और एक रात अस्पताल में रखा। बावजूद इसके स्थिति में सुधार नहीं हुआ और दिल्ली के आइएलबी अस्पताल का रास्ता दिखा दिया है। आरोप है कि उसको इलाज के नाम पर गुमराह किया गया। जिस दिन वह आइएलबी अस्पताल में गया, उस दिन उसका बेटा होश में था और फोन भी अपनी पत्नी और रिश्तेदारों से बात कर रहा था। आरोप है कि उसको सही उपचार नहीं दिया गया। डॉक्टर रोज उसको झूठा आश्वासन देते रहे कि उसका बेटा ठीक है। इलाज के नाम पर साढे़ 28 लाख रुपये ले लिए गए, लेकिन बेटे की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। 19 जून को उसके बेटे की मौत हो गई। इस बारे में सिविल सर्जन कुलदीप ¨सह को भी शिकायत दी जा चुकी है।


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