लॉकडाउन 4.0 के साथ ही बदलने लगी शहर की आबोहवा
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक प्रदूषण रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए जाएंगे तब तक इस समस्या से निजात नहीं मिल सकती।
संवाद सहयोगी, जगाधरी :
लॉकडाउन 4.0 शुरुआत के साथ ही शहर की आबोहवा भी बदलनी शुरू हो गई है। इससे पहले सड़कों पर वाहनों की आवजाही कम होने व उद्योग बंद होने से शहर की हवा शुद्ध हो गई थी, वहीं एक बार फिर हवा में जहर घुलना शुरू हो गया है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक प्रदूषण रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक इस समस्या से निजात नहीं मिल सकती।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक हवा में पीएम 2.5 का स्तर 60 मिलीग्राम पर मिट्रिक क्यूब निर्धारित किया गया है। जबकि पीएम 10 का स्तर 100 होना चाहिए। एक दो दिन को छोड़कर मई में यमुनानगर में पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर निर्धारित मानकों से कम रहा। लेकिन जैसे ही उद्योगों को चलाने की अनुमति मिलने व सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ने से बार फिर यमुनानगर का प्रदूषण निर्धारित मानकों से ज्यादा हो गया है। 19 मई को यमुनानगर में पीएम 2.5 का स्तर 40.21 व पीएम 10 का स्तर 110 दर्ज किया गया। आने वाले दिनों में भी प्रदूषण के बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
चार मई को सबसे कम दर्ज हुआ प्रदूषण
बोर्ड की ओर से पंचायत भवन पर लगाए गए संयंत्र से चार मई को सबसे कम प्रदूषण दर्ज हुआ। इस दिन पीएम 2.5 की मात्रा 32.44 मिलीग्राम पर मिट्रिक क्यूब दर्ज की गई। जबकि पीएम 10 का स्तर 66.81 दर्ज किया गया। जो कि निर्धारित मानकों से आधे के करीब है। पर्यावरण विशेषज्ञ डा. अजय गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान शहर की आबोहवा एकाएक शुद्ध हो गई। इस दौरान पक्षियों की चहचाहट भी सुनाई देनी शुरू हो गई। लेकिन जैसे जैसे उद्योगों की चिमनियां धुंआ उगलना शुरू करेगी व सड़कों पर वाहन फर्राटा भरेंगे, तो स्थिति पहले जैसी पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। बोर्ड के अधिकारियों को चाहिए कि वे ऐसी रणनीति बनाएं, जिससे पर्यावरण की शुद्धता बरकरार रहे। 10 दिनों में शहर के प्रदूषण का ब्योरा :
दिनांक पीएम 2.5 पीएम 10
10 37.41 68.72
11 37.51 82.11
12 44.55 95.93
13 86.15 182.03
14 61.99 152.14
15 45.14 109.75
16 56.72 129.61
17 63.6 131.79
18 64.16 147.5
19 40.21 110 प्रदूषण बढ़ना चिंता का विषय
लॉकडाउन के दौरान शहर की आबोहवा काफी हद तक शुद्ध रही। पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर निर्धारित मानकों से कम दर्ज किया गया। लेकिन एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो गया है, जो कि चिता का विषय है।
निर्मल कश्यप, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यमुनानगर।