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नगर निगम अधिकारियों से दूरी रखेगी स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम, गुपचुप जांचेगी व्यवस्था

ट्विन सिटी में स्वच्छता को जांचने के लिए केंद्र सरकार की टीम इस बारे गुपचुप तरीके से आएगी। नगर निगम अधिकारियों को भी टीम के आने की भनक नहीं लगने दी जाएगी। इस बात को लेकर नगर निगम अधिकारी भी असमंजश में है कि आखिर स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 के तहत टीम कब दौरा करेगी। व्यवस्था बनाने के लिए अधिकारी व कर्मचारी विशेष रूप से जुटे हुए हैं। इनका कहना है कि इस बार अच्छा रैंक हासिल करना है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 11:54 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 11:54 PM (IST)
नगर निगम अधिकारियों से दूरी रखेगी स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम, गुपचुप जांचेगी व्यवस्था
नगर निगम अधिकारियों से दूरी रखेगी स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम, गुपचुप जांचेगी व्यवस्था

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ट्विन सिटी में स्वच्छता को जांचने के लिए केंद्र सरकार की टीम इस बारे गुपचुप तरीके से आएगी। नगर निगम अधिकारियों को भी टीम के आने की भनक नहीं लगने दी जाएगी। इस बात को लेकर नगर निगम अधिकारी भी असमंजश में है कि आखिर स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 के तहत टीम कब दौरा करेगी। व्यवस्था बनाने के लिए अधिकारी व कर्मचारी विशेष रूप से जुटे हुए हैं। इनका कहना है कि इस बार अच्छा रैंक हासिल करना है। ओडीएफ के भी अंक जुड़ेंगे

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पांच हजार अंकों की इस परीक्षा में स्वच्छता के साथ-साथ ओडीएफ के भी अंक जुड़ेंगे। ओडीएफ प्लस के लिए भी टीम दौरा कर चुके हैं। शहर में ठोस कचरे के प्रबंधन की समस्या के समाधान के लिए निगम ने कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ममीदी व कैल स्थित प्लांट में यह काम भी शुरू हो गया लेकिन शहर की कई कॉलोनियों के हालातों में सुधार की जरूरत है। खासतौर पर नगर निगम में शामिल हुए गांवों में स्थिति काफी खराब देखी जा रही है। यदि इन गांवों में टीम जाती है तो फजीहत तय है। तीन वार्ड ठेके पर

सफाई व डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए वार्ड नंबर 13, 14 व 15 को ठेके पर दिया हुआ है जबकि अन्य वार्ड नगर निगम कर्मचारियों के भरोसे है। करीब पांच लाख की आबादी पर कुल 682 सफाई कर्मचारी हैं। आबादी की लिहाज से कर्मचारियों की संख्या कम है। नगर निगम के ना‌र्म्स के मुताबिक 400 की आबादी पर एक कर्मचारी चाहिए। नगर निगम में शामिल हुए 42 गांवों में सफाई के हालात ज्यादा खराब हैं। गत वर्ष मिला था 371वां रेंक

स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में यमुनानगर को 346वां रेंक मिला था। शहर से निकल रहा कचरा कमजोर पहलु साबित हुआ था। अतीत से सबक लेते हुए नगर निगम अधिकारी इस बार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। ट्विन सिटी में जगह-जगह नीले व हरे रंग के डस्टबिन रखे गए हैं। इनकी संख्या 200 है। 80 कुड़ा प्वाइंट्स बंद कर दिए गए हैं

यहां करवाई पिट की व्यवस्था

यमुनानगर व जगाधरी सब्जी मंडी में भी कचरे के प्रबंधन के लिए पिट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। क्योंकि यहां से भारी मात्रा में ठोस कचरा निकलता है, लेकिन प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है। प्रबंधन न होने पर गंदगी फैल रही है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। जोकि स्वच्छ सर्वेक्षण में बड़ी बाधा है। इससे निपटने के लिए ही अब नगर निगम ने यहां पर पिट बनाकर कचरा प्रबंधन का निर्णय लिया है। यहां इस कचरे से आर्गेनिक खाद तैयार हो सकेगी।


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