सिविल अस्पताल में दवाई दिलाने वाली एलइडी लंबे समय से बीमार
सिविल अस्पताल में मरीजों की सहूलियत के लिए लगाई एलइडी लंबे समय से बीमार है। इस कारण मरीजों व उनके तीमारदारों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। मकसद था दवा वितरण केंद्र के बाहर से लाइन खत्म करने का, लेकिन ऐसा कुछ समय के लिए ही हो सका। बाद में स्थिति यथावत हो गई। घंटों लाइन में लगने के बाद दवा मिल रही है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सिविल अस्पताल में मरीजों की सहूलियत के लिए लगाई एलइडी लंबे समय से बीमार है। इस कारण मरीजों व उनके तीमारदारों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। मकसद था दवा वितरण केंद्र के बाहर से लाइन खत्म करने का, लेकिन ऐसा कुछ समय के लिए ही हो सका। बाद में स्थिति यथावत हो गई। घंटों लाइन में लगने के बाद दवा मिल रही है।
11.10 बजे, पंजीकृत कक्ष
सिविल अस्पताल के पंजीकृत कक्ष के बाहर टीम पहुंची। स्लिप कटवाने के लिए पांच ¨वडो बनी हैं। सभी पर लाइन लगी हुई थी। लाइन में खड़े रघुनाथपुरी के विक्रम ने बताया कि उनके चाचा विशाल को बुखार की शिकायत है। इसलिए वह उनके साथ यहां आए हैं। जब वे यहां पहुंचे तो देखा कि लंबी लाइन लगी थी। 10 बजे से लाइन में लगे हैं। दोपहर तक नंबर नहीं आया है। उनके साथ खड़े सलेमपुर के सलीम ने बताया कि उनकी पत्नी को त्वचा रोग है। उसके इलाज के लिए आए हैं।
12.20 बजे, चिकित्सक कक्ष के बाहर
परिसर में बने चिकित्सक कक्ष के बाहर सैकड़ों मरीज बैठे थे। सरस्वती नगर के रोहताश ¨सह ने बताया कि पहले तो स्लिप लेने में डेढ़ घंटे का समय लगा। अब वे चेकअप के लिए 25 मिनट से बैठे हैं। जिस प्रकार से मरीजों की भीड़ है, उससे लगता नहीं है कि जल्दी नंबर आ जाएगा। ऐसी व्यवस्था हो जिससे मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा। यहां देरी से इलाज मिलने के कारण ही मरीजों को निजी अस्पताल का रूख करना पड़ रहा है।
12.45 बजे, एक्सरे रूम
यहां केवल 10 मरीज बैठे हुए थे। मरीज आर्यन ने बताया कि बाइक स्लिप होने से गिर गया था। इससे हाथ में फ्रेक्चर हो गया था। स्थिति जानने के लिए प्लास्टर कटवाने से पूर्व एक्सरे कराने आए हैं।
1.20 बजे, दवा वितरण
यहां चार लाइन लगने की सुविधा है। दो पुरुष व दो महिलाओं की। जानकारों ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व यहां एलईडी लगाई गई थी। इनके यहां लगाने का मकसद था कि मरीजों के टोकन नंबर इसमें अंकित होंगे। मरीजों को लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। पर्ची देकर बेंच पर बैठ कर बारी का इंतजार करेंगे। कुछ समय तक ये सुविधा रही। बाद में एलइडी खराब हो गई। अब इसे ठीक कराने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। मरीजों की लाइन फिर से लगनी शुरू हो गई है। पहले यहां दवाई समझाने के लिए कर्मी की ड्यूटी थी। इसको भी यहां से हटा दिया गया। केबिन खाली रहता है। दवा लेकर आई संगीता ने बताया कि फार्मासिस्ट ने उनको दवाई समझाई है, लेकिन समझ नहीं आई। अब उनको फिर से चिकित्सक कक्ष में जाना पड़ेगा। विभाग को चाहिए कि यहां फिर से कर्मी की नियुक्ति करे, जिससे मरीजों को दवा संबंधी समस्या का सामना न करना पड़े।