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प्राइमरी के बच्चे बोलेंगे अंग्रेजी, सरल भाषा में छपवाई 14.38 लाख किताबें

प्राइवेट स्कूलों के प्राइमरी बच्चों के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने के मिथ को प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने तोड़ने का मन बना लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 08:52 AM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 08:52 AM (IST)
प्राइमरी के बच्चे बोलेंगे अंग्रेजी, सरल भाषा में छपवाई 14.38 लाख किताबें
प्राइमरी के बच्चे बोलेंगे अंग्रेजी, सरल भाषा में छपवाई 14.38 लाख किताबें

राजेश कुमार, यमुनानगर: प्राइवेट स्कूलों के प्राइमरी बच्चों के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने के मिथ को प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने तोड़ने का मन बना लिया है। विभाग ने राजकीय स्कूलों में पहली कक्षा से ही बच्चे अंग्रेजी बोल और समझ सकें, इसकी तैयारी कर ली है।

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विभाग ने प्राइमरी बच्चों को पढ़ाने के लिए सरल शब्दों में अंग्रेजी भाषा की किताबें छपवा ली हैं। प्रदेश के 8605 प्राइमरी स्कूलों में 14 लाख 38 हजार 665 किताबें बच्चों को उपलब्ध कराई जाएंगी। सर्वशिक्षा अभियान के कार्यालयों में ये किताबें पहुंच चुकी हैं। जिन्हें स्कूलों तक पहुंचाने का काम शुरू हो गया है। किताबों को ये टाइटल दिए

पढ़े भारत- बढ़े भारत अभियान के तहत एनसीईआरटी ने अंग्रेजी भाषा में इन किताबों का प्रकाशन कराया है। एक सेट में 15 किताबें हैं। पहली से पांचवीं तक सभी कक्षाओं में कितने विद्यार्थी हैं उनकी संख्या के हिसाब से किताबों को स्कूल में पहुंचाया जाएगा। इन किताबों को लोनली गोल्डी, द काइट, गो ग्रीन, चंदू चाट, हेलो रेन, कैच मी इफ यू कैन, द बेबी बुलबुल, नॉक-नॉक, मे बी इट इज, दी थ्री रेबिट, बेस्ट ऑफ आल, डकी लिटल, एक गजरा फार अम्मा, ग्रंपी गीता और लेजी जूजू टाइटल दिए गए हैं। किताबों को बनाया गया रोचक

भविष्य में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा में निपुण किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जब तक किसी विषय में बच्चे के रुचि नहीं होगी, तब तक वह उसे पढ़ नहीं सकता। इसलिए इन किताबों को सरल शब्दों में तैयार किया गया है। कहानियों की तरह अंग्रेजी पढ़ाई जाएगी, जिससे कि बच्चे दिलचस्पी लेकर इन्हें पढ़ सकें। यदि बचपन में ही बच्चों की समझ में अंग्रेजी आ गई तो बड़े होकर उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। किताबें स्कूलों को में भेज रहे हैं : सुभाष चंद

सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े सुभाष चंद का कहना है कि यमुनानगर के लिए 62745 किताबें आई हैं। ये किताबें छोटे बच्चों को बहुत पसंद आएंगी। सभी किताबों को स्कूलों में पहुंचाया जा रहा है। किस जिले को कितनी किताबें मिलेंगी

अंबाला 48,450

भिवानी 60,090

चरखी दादरी 22,230

फरीदाबाद 68,820

फतेहाबाद 69,960

गुरुग्राम 76,815

हिसार 88,425

झज्जर 31,800

जींद 73,800

कैथल 68,055

करनाल 83,475

कुरुक्षेत्र 53,955

महेंद्रगढ 40,170

नूह 1,64,430

पलवल 84,780

पंचकूला 41,550

पानीपत 63,840

रेवाड़ी 36,780

रोहतक 36,435

सिरसा 95,085

सोनीपत 66,975

यमुनानगर 62,745

कुल 14,38,665

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