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साढ़े तीन घंटे चली हाउस की बैठक, आठ बार हंगामा और धक्का-मुक्की

हाउस की मीटिग हंगामेदार रही। पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की हुई। करीब 10 मिनट तक हंगामा चलता रहा। बाद में अन्य पार्षदों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। सदन में पिछली कार्रवाई पर पहले चर्चा करने को लेकर मामले पर बात बिगड़ी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 09:43 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 09:43 AM (IST)
साढ़े तीन घंटे चली हाउस की बैठक, आठ बार हंगामा और धक्का-मुक्की
साढ़े तीन घंटे चली हाउस की बैठक, आठ बार हंगामा और धक्का-मुक्की

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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हाउस की मीटिग हंगामेदार रही। पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की हुई। करीब 10 मिनट तक हंगामा चलता रहा। बाद में अन्य पार्षदों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। सदन में पिछली कार्रवाई पर पहले चर्चा करने को लेकर मामले पर बात बिगड़ी। दरअसल, मेयर मदन चौहान की अनुमति से नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी दीपक सूरा ने प्रस्तावों पर चर्चा शुरू कर दी, लेकिन कांग्रेस समर्थित पार्षद इस बात पर अड़ गए कि पहले पिछली बैठक की कार्रवाई की पुष्टि की जाए।

वार्ड नंबर-4 से पार्षद देवेंद्र कुमार व वार्ड नंबर-5 से पार्षद विनय कांबोज ने पिछली बैठक की कार्रवाई पर चर्चा की बात कही। इस दौरान वार्ड नंबर-7 से पार्षद राम आसरे ने तर्क दिया कि बेवजह बहस की जा रही है। हाउस का समय बर्बाद किया जा रहा है। इसी के बाद देखते ही देखते बातचीत हंगामे में बदल गई। कांग्रेसी पार्षद विनय ने भाजपा के पार्षद को धक्का दे दिया। बाद में इनेलो के पार्षद ने दोनों को शांत कराया। मेयर मदन चौहान, कमिश्नर श्याम लाल, ज्वाइंट कमिश्नर भारत भूषण कौशिक व अन्य अधिकारी पार्षदों के बीच हुए इस तमाशे को देखते रहे।

ऐसे चला घटनाक्रम

पहले मेयर के देरी से आने पर एतराज

हाउस की बैठक 11 बजे बुलाई गई थी। मेयर 11 बजकर 20 मिनट पर बैठक में पहुंचे। उनके देरी से पहुंचने पर पार्षद देवेंद्र सिंह ने एतराज जताया। वे यहां तक कह गए कि पार्षद यहां आधे घंटे से बैठे पार्षद बेवकूफ हैं? इनका समय भी कीमती है। इस पर मेयर मदन चौहान ने कहा कि ये कोई बहश का इश्यू नहीं है। हम विकास कार्यों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आए हैं। व्यर्थ के तर्क-वितर्क में उलझकर समय खराब न करें।

.. तो आप भी माइक को दूर रखिए

पार्षद देवेंद्र कुमार व मेयर मदन चौहान के बीच माइक को लेकर भी गहमा-गहमी का माहौल बन गया। वार्ड नंबर-3 से पार्षद हरलीन कौन अपनी बात कह रही थीं। अन्य पार्षदों के कहने से बावजूद चुप न होने पर मेयर ने कहा कि माइक ले लीजिए। जितनी देर तक माइक रहेगा, बात होती रहेगी। पार्षद देवेंद्र सिंह ने इस बात का विरोध किया। मेयर की ओर इशारा करते हुए बोले कि आप भी माइक एक तरफ रख दीजिए। फिर बात कीजिए। इस पर मेयर ने जवाब दिया कि देवेंद्र जी चुप रहिए..। बड़ा नेता बनने की जरूरत नहीं है। आप ऐसी बात कैसे कर सकते हैं। बैठक का माहौल खराब न कीजिए। केवल शहर के विकास पर चर्चा कीजिए।

आपस में उलझे दो अधिकारी

वार्ड नंबर-10 के पार्षद सुरेंद्र कुमार ने नाले की सफाई का मुद्दा मेयर व अधिकारियों के समक्ष रखा। इस पर मेयर ने जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के एक्सईएन सुमित गर्ग से जवाब मांगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नाला हमारे विभाग का नहीं बल्कि नगर निगम का है। इतना सुनते ही नगर निगम के एक्सईएन रामदास धीमान बोले कि नाला निगम का नहीं, बल्कि जन स्वास्थ्य विभाग का है। जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन ने कहा कि सीवरेज के कनेक्शन नाले में होने से ये नाला हमारा नहीं हो सकता है। नाला जिस विभाग का है, उसी का रहेगा। काफी देर तक चली इस बहस को अधिकारी भी सुनते रहे। ये बहस मुद्दा नहीं है। दोनों विभागों के अधिकारी आपस में तालमेल बिठाकर इस समस्या का समाधान करें।


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