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चनेटी स्तूप की यात्रा इतिहास से कराएगी रूबरू

चनेटी स्तूप की यात्रा इतिहास से भी रूबरू कराएगी। जानकारी के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां आते हैं। स्तूप के बारे में सार यहां के बोर्ड पर लिखा है। जिला मुख्यालय से 1

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:36 AM (IST)
चनेटी स्तूप की यात्रा इतिहास से कराएगी रूबरू
चनेटी स्तूप की यात्रा इतिहास से कराएगी रूबरू

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : चनेटी स्तूप की यात्रा इतिहास से भी रूबरू कराएगी। जानकारी के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां आते हैं। स्तूप के बारे में सार यहां के बोर्ड पर लिखा है। जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर यह स्तूप स्थित है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से क्षेत्र की कायाकल्प की गई। इससे पहले यहां की हालत अच्छी नहीं थी। चारों तरफ झाड़ियां उगी थीं। बाहर केवल पुरातत्व का बोर्ड लगा हुआ था। वर्तमान समय में यहां की पुरानी ईटों का उपयोग कर इसका नवीनीकरण किया गया है। इसके बाहर बड़ा प्रवेश द्वार बनाया गया है। जब से इस जगह पर कार्य हुआ है। देखने के लिए लोग आने लगे हैं।

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द बौद्धिस्ट फोरम के अध्यक्ष सिद्धार्थ गौरी ने बताया कि स्तूप तक पहुंचने के लिए शहर के हर प्रमुख चौराहे पर सांकेतक लगाए गए हैं। जगह-जगह सांकेतक बोर्ड लगने से बाहर से आने वाले लोगों को परेशानी नहीं होती। मधु चौक से लेकर स्तूप तक साइन बोर्ड लगाए गए हैं। यहां बुद्ध् जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग उपस्थिति दर्ज कराते हैं। इस कार्य में ग्रामीणों का भी सहयोग रहता है। पर्यटन विभाग की ओर से यहां वाहनों की पार्किंग बनाई जा रही है। साथ ही यहां कम्युनिटी सेंटर बनाया जा रहा है। इसका मकसद पर्यटन को बढ़ावा देने का है।

विश्व में है स्तूप की पहचान

गौरी बताते हैं कि स्तूप के कारण चनेटी गांव का नाम विश्व के मानचित्र पर अंकित है। गांव के लोग इस बात पर गर्व करते हैं। ये गांव अब निगम में आता है।

ऐसे पहुंचे

स्तूप पर जाने के लिए यमुनानगर और जगाधरी से सीधी बस सर्विस है। बस बूड़िया चौक पर उतारेगी। यहां ऑटो हर समय तैयार मिलते हैं। बूड़िया रोड पर भगवानगढ़ गांव के नजदीक से चनेटी की तरफ रास्ता जाता है। यहां से इसकी दूरी डेढ़ किलोमीटर की है। गूगल मैप की सहायता से भी यहां तक पहुंचा जा सकता है।


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