Move to Jagran APP

कांग्रेस प्रत्याशियों को अपने ही दे रहे चुनौती

टिकट के लिए कांग्रेस नेताओं ने दिन-रात मेहनत तो बहुत की लेकिन आलाकमान का साथ न मिलने से वे इस बार जनता की सेवा करने से चूक गए। यही वजह है कि कांग्रेस नेता अब बगावत पर उतर आए हैं। साढौरा और रादौर विधानसभा सीट से कांग्रेस के अपनों ने ही लुटिया डुबोने की तैयारी कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 06:50 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 06:50 AM (IST)
कांग्रेस प्रत्याशियों को अपने ही दे रहे चुनौती
कांग्रेस प्रत्याशियों को अपने ही दे रहे चुनौती

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : टिकट के लिए कांग्रेस नेताओं ने दिन-रात मेहनत तो बहुत की, लेकिन आलाकमान का साथ न मिलने से वे इस बार जनता की सेवा करने से चूक गए। यही वजह है कि कांग्रेस नेता अब बगावत पर उतर आए हैं। साढौरा और रादौर विधानसभा सीट से कांग्रेस के अपनों ने ही लुटिया डुबोने की तैयारी कर ली है।

loksabha election banner

जिस चेयरमैन को पहनाया हार, अब उसका ही विरोध

कांग्रेस ने विधानसभा साढौरा (सुरक्षित) से जिला परिषद चेयरमैन रेणू बाला को अपना प्रत्याशी बनाया है। रेणू बाला इससे पहले भाजपा में थी। कुछ माह पहले ही रेणू बाला और उनके पति इंजीनियर ऋषिपाल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। भाजपा में रहते हुए भी वे साढौरा से दावेदारी कर रहे थे लेकिन बात नहीं बनी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं जिला परिषद सदस्य राजेश कटारिया ने पार्टी में शामिल होने पर रेणू बाला का फूलों की मालाओं के साथ स्वागत किया था। कटारिया 15 सालों से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन टिकट नहीं मिला। इस बार उम्मीद पूरी थी, परंतु इस बार भी किस्मत दगा दे गई। रेणू बाला को टिकट मिलने के बाद कटारिया ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया। जिप चुनाव में उन्हें करीब चार हजार वोट मिले थे और 735 वोट से जीत दर्ज की थी।

बृजपाल छप्पर की नाराजगी भी पड़ेगी भारी

गत विधानसभा चुनाव के बाद इनेलो छोड़ कांग्रेस में आए बृजपाल व उनकी पत्नी पिकी छप्पर नाराजगी भी कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। पिकी छप्पर ने इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ा था और 49626 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रही थी। उनकी मेहनत को देखते हुए केवल पिकी ही नहीं आमजन को भी उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें ही चुनाव लड़वाएगी, लेकिन उनका टिकट काट कर कांग्रेस ने सभी को हैरान कर दिया। उनके समर्थकों में गुस्सा है। टिकट कटने के बाद कयास लगाए जाने लगे कि इनेलो उन्हें अपना उम्मीदवार बना सकती है या फिर वे आजाद ही चुनाव लड़ेंगे, लेकिन आखिरी समय पर उन्होंने अपना मन बदल लिया। उनकी अनदेखी कांग्रेस चुनाव पर असर डाल सकती है। हालांकि बृजपाल छप्पर का कहना है कि वे कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी ही रहेंगे।

प्रचार व संघर्ष भी नहीं आया काम

प्रदेश कांग्रेस सचिव भूपेंद्र राणा से टिकट के लिए छह साल से रादौर में कसरत कर रहे थे। शक्ति दिखाने के लिए कई बड़े कार्यक्रम भी आयोजित कराए, लेकिन टिकट के लिए ये प्रयास काम नहीं आए। टिकट न मिलने पर ये भी दुखी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक में दी। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन करते रहेंगे।

कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की अनदेखी : कटारिया

राजेश कटारिया का कहना कि मैंने 15 साल तक कांग्रेस की सेवा की। जिसे भी पार्टी ने टिकट दिया उसका साथ दिया। कांग्रेस अब पूंजीपतियों की पार्टी बन गई है। पार्टी में अशोक तंवर की अनदेखी की, इसलिए मैंने कांग्रेस के सभी पदों से अपना इस्तीफा देकर आजाद नामांकन किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.