रेलवे स्टेशन पर बंद कर दी कैंटीन, खाद्य पदार्थो के लिए भटकते यात्री
रेलवे स्टेशन पर बनी कैंटीन बंद होने से खाद्य पदार्थो के लिए यात्री भटकते हैं। पेयजल की भी यहां पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इससे इनकी दिक्कत और बढ़ जाती है। रोजाना यहां से पांच हजार से ज्यादा यात्रियों का आनाजाना होता है। बावजूद इसके रेलवे इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।
जागरण संवाददाता, जगाधरी वर्कशाप : रेलवे स्टेशन पर बनी कैंटीन बंद होने से खाद्य पदार्थो के लिए यात्री भटकते हैं। पेयजल की भी यहां पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इससे इनकी दिक्कत और बढ़ जाती है। रोजाना यहां से पांच हजार से ज्यादा यात्रियों का आनाजाना होता है। बावजूद इसके रेलवे इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। मामले को लेकर रेलवे यूनियन की ओर से उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को ज्ञापन भी दिया जा चुका है। अभी तक इस बारे कार्रवाई नहीं हुई। स्टेशन से स्टाल भी हटा दिया गया।
यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि कैंटीन बंद हुए काफी समय हो गया। इसका ठेका दोबारा नहीं किया गया, जिस कारण यहां कैंटीन नहीं खुली। यहां आने वालों में बच्चों की संख्या भी ज्यादा होती है। पेयजल के सही इंतजाम न होने के कारण दिक्कत होती है। चाय और अन्य खाद्य पदार्थ भी नहीं मिलते। स्टेशन के बाहर रेहड़ी लगती हैं। लेकिन यात्रियों के पास समय का अभाव होता है, क्योंकि जब यात्री गाड़ी से उतर कर बाहर कोई भी वस्तु लेने आएंगे तो तब तक उनकी गाड़ी जा चुकी होगी। आरक्षित विडो भी नहीं
यात्री विशाल, सुनील, विक्रम, आर्यन ने बताया कि रेलवे वर्कशाप स्टेशन पर आरक्षित विडो भी नहीं है। इसके चलते यात्रियों को 10 किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन यमुनानगर रिर्जव टिकट कराने के लिए आना पड़ता है। यहां पहले ही लंबी लाइन लगी रहती है, क्योंकि इन अधिकतर शिक्षण संस्थानों में अवकाश चल रहे हैं। वेटिग लिस्ट लंबी है। विकास ने बताया कि यहां विडो बनने से यमुनानगर नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय और पैसा दोनों की बचत होगी इस बारे में कई बार स्टेशन अधीक्षक को भी मांग पत्र सौंपे गए। सहारनपुर-अंबाला के बीच चलाई जाए ये ट्रेन
हेमकुंठ , हावड़ा मेल, बेगपुर हीमगिरी, जनशताब्दी गाड़ियों का यहां ठहराव किया जाए। इनके यहां बहुत यात्री हैं। इससे रेलवे के राजस्व में वृद्धि भी होगी। साथ ही अंबाला और सहारनपुर के बीच हर दो घंटे अंतराल पर ईएमयू गाड़ी शुरू की जाए। इससे यात्रियों को लाभ होगा।