छात्रा ने लिखा- सॉरी मम्मी-डैडी! मैं बीएससी नहीं कर सकती... और फिर कर दिया एेसा काम
सॉरी मम्मी डैडी, पर मैं बीएससी नहीं कर सकती। प्लीज मुझसे नहीं हो पाएगा, इसका इतना दबाव मैं झेल नहीं सकती। यह लिखकर छात्रा ने खुदकशी कर ली।
जेएनएन, यमुनानगर। सॉरी मम्मी डैडी, पर मैं बीएससी नहीं कर सकती। प्लीज मुझसे नहीं हो पाएगा, इसका इतना दबाव मैं झेल नहीं सकती। यह लिखकर डीएवी गर्ल्स कॉलेज के प्रोफेसर कॉलोनी में बने हॉस्टल में बीएससी कंप्यूटर साइंस फाइनल ईयर की छात्रा छवि त्यागी फंदे पर झूल गई। वह मूलरूप से मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के रोहाना कलां की रहने वाली थी। बीएससी द्वितीय वर्ष में मैथ और फिजिक्स में कंपार्टमेंट आने से डिप्रेशन में थी।
रोहाना कलां के अनुज त्यागी की बेटी छवि (21) तीन अन्य छात्राओं के साथ हॉस्टल में रह रही थी। रात साढ़े 11 बजे वार्डन अंजना देवी के पास छात्रा दीक्षा की मोबाइल कॉल आई। बताया कि छवि डिप्रेशन में है, आकर देखो। वह गार्ड के साथ कमरे पर पहुंचीं तो छवि पंखे से लटकी हुई थी।
यह मिला सुसाइड नोट
सुसाइड नोट में छवि ने कहा है कि इतना सारा दबाव मैं झेल नहीं सकती। मैंने बहुत सोचा पर इसके अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं था। मुझमें इतनी हिम्मत नहीं है कि मैं आपसे ये बोल सकूं कि मेरा एडमिशन कहीं और करवा दो। मैंने सच्ची में बहुत कोशिश की। मैं अच्छे अंक लेकर आऊं, परंतु नहीं ले पाई। मम्मी, इस कक्षा की वजह से मेरे ऊपर बहुत ज्यादा दबाव है। आप लोगों ने मुझसे बहुत उम्मीदें लगाई हुई है। परंतु मेरी जिंदगी बहुत खराब हो चुकी है और मुझे कहीं नौकरी भी नहीं मिलेगी, ऐसी जिंदगी मैं नहीं जी सकती, इसलिए मैं जा रही हूं। आप लोग अपना ध्यान रखना और रिंकू का भी। उसने अपना घर का नाम निक्की लिखा है।
घर जाने के लिए ली छुट्टी, ट्रेन छूट गई
प्राचार्या डॉ. विभा गुप्ता ने बताया कि छवि की कई विषयों में कंपार्टमेंट आई थी। उसके तनाव के बारे में पता नहीं लगा। वार्डन ने उन्हें बताया कि रात सवा नौ बजे उसने अच्छे से खाना खाया था, कोई ऐसी बात नहीं थी। पेपर खत्म हो गए थे। उसने घर जाने के लिए छुट्टी ली थी। वह घर जाने के लिए भी निकली, लेकिन ट्रेन छूट गई और वह घर नहीं गई।
चल रहा था इलाज
एक सहेली ने बताया कि छवि पढ़ाई के कारण डिप्रेशन में थी। कई दिनों तक दवा भी ली थी। पहले व दूसरे ईयर में मैथ, फिजिक्स व अन्य विषयों में उसकी लगातार कंपार्टमेंट आ रही थी। इस बार भी उसके एग्जाम ठीक नहीं हुए थे जिससे तनाव में थी और चुपचाप रहती थी। तीन दिन पहले प्यारा चौक के पास रहने वाली छात्रा से मरने की बात कहीं थी। मगर वह उसकी बात को गंभीरता से नहीं ले पाई।