दो दिन में बुखार से भाई बहन की मौत, परिवार के चार लोग भर्ती
परवालो में बुखार की वजह से दो दिन में भाई बहन की मौत चुकी है। निजी चिकित्सक डेंगू की वजह से मौत होने का दावा कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे नकार रहा है। गांव में ही दो मौतों से लोगों में दहशत का माहौल है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : परवालो में बुखार की वजह से दो दिन में भाई बहन की मौत चुकी है। निजी चिकित्सक डेंगू की वजह से मौत होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे नकार रहा है। गांव में ही दो मौतों से लोगों में दहशत का माहौल है। इसी परिवार के चार लोग भी बुखार की वजह से फिलहाल निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
परवालो के पवन कुमार के बेटे 27 वर्षीय विकास कुमार को एक सप्ताह पहले बुखार हुआ था। उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो पहले तो पास के ही चिकित्सकों को दिखाया गया, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। हालत खराब होने पर उसे परिजन जेपी अस्पताल में लेकर गए। यहां पर वह तीन दिन से भर्ती था। बुधवार की सुबह को उसकी तबीयत अधिक खराब हो गई। जिस पर उसे पीजीआइ रेफर किया गया। यहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पवन कुमार ने बताया कि डॉक्टरों ने विकास को डेंगू होने की बात कही है। मंगलवार को हुई बहन की मौत
बुखार की वजह से विकास की बहन 22 वर्षीय नीतू को भी गाबा में एडमिट कराया गया था। मंगलवार को उसे भी पीजीआइ रेफर किया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार में कई अन्य लोग भी बुखार की चपेट में हैं। मृतक पवन की मां जीतो, भाई सौरभ को भी बुखार होने की वजह से दाखिल कराया गया। उन्हें भी निजी चिकित्सक डेंगू होने का दावा कर रहे हैं। इसके अलावा परिवार से उनके दो चचेरे भाई भी दाखिल हैं। यह है स्वास्थ्य विभाग का रिकॉर्ड :
अब तक 20 केस डेंगू के स्वास्थ्य विभाग ने कंफर्म किए हैं। 155 संदिग्ध केसों की अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। इनमें शांति कॉलोनी, आदर्श नगर कैंप, मॉडल कॉलोनी, छोटा मॉडल टाउन, गांधीधाम, मॉडल कॉलोनी, रामनगर, संजय विहार कॉलोनी, अराइयावाला, शादीपुर, तेजली, खानपुर, ईस्ट भाटिया नगर, शास्त्री कॉलोनी, न्यू हमीदा कॉलोनी, विशाल नगर, हरनौल, राजाराम कॉलोनी, जगाधरी में डेंगू के मरीज मिले हैं। निजी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भीड़
इस समय निजी अस्पतालों में बुखार के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें से डॉक्टर 30 प्रतिशत को डेंगू होने का दावा कर रहे हैं। इन मरीजों के ही डेंगू के संदिग्ध मरीज मानकर इलाज किया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में केवल 20 मरीज ही डेंगू के कंफर्म हुए हैं। इनमें से भी 18 की छुट्टी हो चुकी है। दो अभी उपचाराधीन हैं। परवालो में दो मौत होने की सूचना मिली है। गांव में टीम भेजी जाएगी। जांच के बाद जो रिपोर्ट आएगी उससे ही मौत के कारण पता लग सकेगा। इसके साथ ही जेपी अस्पताल में एडमिट मरीजों की भी रिपोर्ट ली जाएगी। कई तरह के बुखार होते हैं। उनमें भी मौत की संभावना रहती है। डेंगू के संदिग्ध मरीजों का हमारे यहां पर एलाइजा टेस्ट होता है। उसकी रिपोर्ट ही सही है। निजी अस्पतालों में कार्ड के जरिए टेस्ट किया जाता है, जो मान्य नहीं है।
-डॉ. वागीश गुटैन, जिला मलेरिया अधिकारी एक मरीज हमारे पास आया था। उसे डेंगू होने की आशंका के चलते रेफर कर दिया गया। पीजीआइ में उसकी मौत हुई है। अभी पीजीआइ से रिपोर्ट नहीं मिली है। इसके बाद ही डेंगू के बारे में कंफर्म होगा। कुछ अन्य लोग भी उनके परिवार से यहां दाखिल हैं, लेकिन उन्हें वायरल है।
-डॉक्टर अजेश गोयल, जेपी अस्पताल