समय रहते प्रभु का नाम जाप करें इंसान : भारती
कल्याण नगर में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से आयोजित सुंदरकांड कथा के अंतिम दिवस पर साध्वी सत्या भारती ने कथा में छिपे कई आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर किया।
जासं, जगाधरी : कल्याण नगर में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से आयोजित सुंदरकांड कथा के अंतिम दिवस पर साध्वी सत्या भारती ने कथा में छिपे कई आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर किया।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम और भक्ति स्वरूपा मां सीता के मिलन का माध्यम एक सेतु बना। इसी प्रकार आत्मा और परमात्मा के मिलन का माध्यम सद्गुरु ही बनते हैं, जो हमें ब्रह्मज्ञान की दीक्षा प्रदान करके भक्ति मार्ग को सुगम बना देते हैं। जब साधक निरंतर ध्यान साधना द्वारा इस पथ पर बढ़ता है तो निश्चित ही वह उस परम सत्ता से एकाकार हो जाता है, जो सभी जीव जगत के प्राणों का आधार है। आत्मा पल प्रति पल मोह और विवशता से पीड़ित होती है। कथा हमें समझाती है कि समय रहते प्रभु की शरणागत हो जाए, जैसे विभीषण जी ने श्री राम जी की शरण ली थी। परमात्मा की शरणागत होने पर कभी कोई हानि नहीं होती अपितु सभी अमंगल दूर हो जाते हैं। हमारा जीवन कमल की तरह कीचड़ में रहते हुए भी सदैव खिला रहता है। विवेकशील आत्मा वह है जो संसार रूपी शहद भी चखती है। समय आने पर अपने भक्ति के पंखों द्वार सहजता से उड़ जाती है। कार्यक्रम के दौरान साध्वी ने कुछ प्रेरणादायक भजनों का गायन किया, जिनका समूह संगत में आनंद उठाया।