साइबर हैकर से जरा बचके, यमुनानगर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, खाता कर सकते हैं खाली
साइबर अपराधी स्नैप्ड हीट सिग्नेचर के जरिए पासवर्ड क्रैक कर रहे है। यमुनानगर में जिला पुलिस ने जारी की एडवाइजरी। साथ ही साइबर अपराध से बचाव के तरीके भी बता रही है। साइबर हैकर ठगी की लगातार वारदात कर रहे।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत आमजन को साइबर अपराध के तरीके व उनसे बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है। जिससे वह ठगी का शिकार होने से बच सके। अब साइबर क्राइम करने वाले क्रैकिंग पासवर्ड (एटीएमएस, पीओएस मशीन, कीपैड लाक के साथ स्मार्ट दरवाजे ) का प्रयोग कर रहे हैं। जिससे वह लोगों के खाते से रकम उड़ा रहे हैं।
एसपी मोहित हांडा का कहना है कि साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। इसके लिए जिला पुलिस की ओर से समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जा रही है। यदि कोई साइबर ठगी का शिकार होता है तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल करें।
पासवर्ड दर्ज करते समय कीबोर्ड या स्क्रीन पर निशान छूट जाता है। इसका फायदा उठाने के लिए साइबर अपराधी थर्मल के संयोजन इमेजिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का प्रयोग करते हैं। इसमें अल एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है। यह स्नैप्ड हीट सिग्नेचर के अनुसार पासवर्ड का सटीक अनुमान लगाता है। सामान्य छवि थर्मल छवि पर क्षेत्र अधिक उज्जवल दिखाई देता है। इससे अंदाजा लग जाता है कि इसे हाल ही में छुआ गया होगा। इस तरह से साइबर अपराधी पासवर्ड पता कर लेते हैं। इसका प्रयोग कर ही एटीएम, पीओएस मशीन, कीपैड लाक के साथ स्मार्ट दरवाजे आदि के लाक खोले जा रहे हैं।
बिना गार्ड के एटीएम निशाने पर :
साइबर अपराधी आम तौर पर उन एटीएम को निशाना बनाते हैं। जो बिना गार्ड के होते है। जहां पर वीडियो कैमरों से ठीक से निगरानी नहीं होती है। साइबर अपराधी इन जगहों पर आए उपभोक्ताओं के लिए सेवाओं का लाभ उठाने की प्रतीक्षा करते हैं (जैसे कि पैसा निकालना, जमा करना या भेजना)। जैसे ही वह एटीएम से बाहर निकलते हैं तो यह अपराधी अपना काम शुरू कर देते हैं। यह थर्मल-इमेजिंग कैमरे का उपयोग करके पिन दर्ज करने के लिए स्पर्श की गई बटन के हीट सिग्नेचर को रिकार्ड कर लेते हैं। इसी तरह से विभिन्न दुकानों या रेस्तरां में इस्तेमाल किए जा रहे कीपैड लाक के स्मार्ट दरवाजे और पीओएस मशीनों का उपयोग करने वाले भी इस तरह के तरीकों के प्रति संवेदनशील हैं।
यह हैं बचने के उपाय :
ऐसे एटीएम के उपयोग से बचें, जो बिना सुरक्षा के हैं और वीडियो कैमरों से ठीक से निगरानी नहीं करते हैं।
किसी भी सदिग्ध अटैचमेंट (एटीएम कमरे की दीवारों या मशीन में) के लिए हमेशा एटीएम की जांच करें। पिन दर्ज करते समय कीपैड क्षेत्र छुपाएं।
एटीएम मशीन, पीओएस मशीन, स्मार्ट लाक को छोड़ने से पहले गैर सार्थक हीट सिग्नेचर उत्पन्न करने के लिए कई रैंडम नंबर कुंजियां (बटन) दबाएं।
किसी भी लेन-देन के संबंध में अपने बैंक द्वारा भेजे गए एसएमएस और ईमेल की ठीक से जांच करें, यदि कोई संदिग्ध लेनदेन देखा जाता है तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।