मकान बनाने से पहले भवन शाखा में देना होगा गली में मलबा न डालने का शपथ पत्र
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ट्विन सिटी में मकान बनाते समय गली में मलबा डालना महंगा पड़ सकता है। मकान बनाने से पहले मालिक को भवन शाखा में गली में शपथ पत्र देना होगा। नगर निगम की सफाई शाखा ने भवन शाखा को पत्र लिखा है कि मकान, दुकान या अन्य प्रतिष्ठान का नक्शा पास करने से पूर्व शपथ पत्र लेना अनिवार्य है। नियमों की अवहेलना करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 5000 रुपये जुर्माना के साथ-साथ मलबा उठाने का खर्च भी मकान मालिक को अदा करना पड़ेगा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ट्विन सिटी में मकान बनाते समय गली में मलबा डालना महंगा पड़ सकता है। मकान बनाने से पहले मालिक को भवन शाखा में गली में शपथ पत्र देना होगा। नगर निगम की सफाई शाखा ने भवन शाखा को पत्र लिखा है कि मकान, दुकान या अन्य प्रतिष्ठान का नक्शा पास करने से पूर्व शपथ पत्र लेना अनिवार्य है। नियमों की अवहेलना करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 5000 रुपये जुर्माना के साथ-साथ मलबा उठाने का खर्च भी मकान मालिक को अदा करना पड़ेगा। घर जाएगा चालान
निर्माण कार्यो के दौरान मलबे को सड़कों पर डालने वालों पर कार्रवाई के लिए नगर निगम ने टीम का गठन किया गया है। यह कमेटी हर वार्ड में नजर रखेगी। यदि कहीं भी गली में मलबा, रेत या बजरी बिखरी पड़ी है तो उसी फोटो खींचकर चालान घर भेजा जाएगा। इस कार्रवाई का मकसद गलियों व नालियों को साफ-सुथरा रखना है। क्योंकि यह मलबा नालियों को भी अवरूद्ध करता है। इससे पानी की निकासी बाधित हो जाती है और लोगों को आवागमन के दौरान भी परेशानी झेलनी पड़ती है। शौचालय का निर्माण जरूरी
स्वच्छता के मद्देनजर नगर निगम ने यह भी निर्णय लिया कि किसी भी निर्माण कार्य के दौरान यदि 25 से अधिक मजदूर काम का रहे हैं तो उनके लिए शौचालय का निर्माण कराया जाना जरूरी है। ताकि ये खुले में शौच न जाएं। संबंधित वार्डो के दरोगा इस बात का विशेष रूप से ख्याल रखेंगे। यदि निर्माण कराने वाले शौचालय नहीं बनवाते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह भी है समस्या
शहर में कई जगह गलियों में अवैध निर्माण की भी शिकायतें आती है। कहीं थड़ियां बनी हैं तो कहीं गार्ड¨नग के नाम पर अवैध निर्माण हो रहा है। ऐसे में सड़कें संकरी हो रही हैं। हालांकि पहले भी विशेष अभियान चलाकर अवैध निर्माण तुड़वाया जा चुका है, लेकिन कुछ दिन बाद फिर वही स्थिति पैदा हो गई। जागरूक लोगों का कहना है कि इनके खिलाफ भी नियमित रूप से कार्रवाई की जानी जरूरी है। क्योंकि नालियों पर थड़ियां या रैंप बनाए जाने से सफाई नहीं होती और निकासी बाधित होती है।
मकान या दुकान के निर्माण के दौरान कुछ लोग गली में ही मलबा डाल देते हैं। कई-कई दिन तक मलबा नहीं उठाया जाता। बार-बार इस प्रकार की शिकायतें आती रहती हैं। अब इस दिशा में सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। गलियों में रेत-बजरी या अन्य सामग्री डालने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। शहर में स्वच्छता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 को लेकर नगर निगम विशेष रूप से मुस्तैद है।
अनिल नैन, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर।