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सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के खाते खोलने में आंखे दिखा रहे बैंक

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के खाते खोलने से बैंक के आनकानी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 07:16 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 07:16 AM (IST)
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के खाते खोलने में आंखे दिखा रहे बैंक
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के खाते खोलने में आंखे दिखा रहे बैंक

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के खाते खोलने से बैंक के अधिकारी साफ मना कर रहे हैं। चिलचिलाती गर्मी में लोग अपने बच्चों को लेकर बैंकों में खाते खोलने के लिए धक्के खा रहे हैं, परंतु बैंक एक ही टका सा जवाब देते हैं कि हेड आफिस से जीरो बैलेंस पर खाते खोलने से इन्कार किया है। ऐसा कह कर वह न केवल अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं बल्कि कहीं न कहीं सरकार की छवि को भी धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इस बारे में जब एलडीएम रणधीर सिंह से बात की तो उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी बैंक को जीरो बैलेंस के खाते खोलने से मना नहीं किया है। जो खाता खोलने से मना करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अगले सप्ताह होने वाली मीटिग में भी इस बारे सभी बैंक प्रबंधकों को निर्देश दिए जाएंगे। जीरो बैलेंस पर खुलते हैं बच्चों के खाते

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सरकार द्वारा राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वर्दी, स्टेशनरी, मिड डे मिल, स्पोर्टस, वजीफा समेत अन्य योजनाओं के तहत नकद भुगतान किया जाता है। यह सारा पैसा शिक्षा विभाग उनके बैंक खातों में जमा कराता है। जैसे ही विद्यार्थी राजकीय स्कूल में दाखिला लेता है तो उसको जीरो बैलेंस का खाता बैंक में खुलवाना होता है। परंतु अब बैंकों ने खाते खोलने से मना किया जा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत नए विद्यार्थियों को

जीरो बैलेंस पर खाता नहीं खुलने से सबसे ज्यादा दिक्कत उन विद्यार्थियों को आ रही है जो नए हैं या फिर प्राइवेट स्कूलों को छोड़ कर सरकारी में आए हैं। खाते नहीं खुलने से उन्हें शिक्षा विभाग की किसी सुविधा का फायदा नहीं मिलेगा। या फिर उन्हें बचत खाता खुलवाना पड़ेगा जिसके लिए उन्हें एक से दो हजार रुपये देने पड़ेंगे। इस बार तो शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को किताबों के पैसे भी खाते में ही जमा कराने की बात कही है। ऐसे में जब खाते ही नहीं खुलेंगे तो किताबों का पैसा कैसे मिलेगा। विद्यार्थियों को परेशान कर रहे हैं : सतपाल

एससी इंप्लाइज फेडरेशन के जिला प्रधान सतपाल का कहना है कि बैंक राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बहुत परेशान कर रहे हैं। इतनी धूप में माता-पिता बच्चों को लेकर बैंक में जाते हैं। फिर भी बैंक कर्मचारी खाते खोलने से मना कर रहे हैं। खाता नहीं खुलने पर अभिभावक बच्चों को लेकर स्कूल में आते हैं। जब अध्यापक बैंक में बात करते हैं तो कर्मचारी उन्हें भी कोई रास्ता नहीं देते। प्रशासन को चाहिए कि वह बैंकों की इस मनमर्जी पर अंकुश लगाए ताकि लोग परेशान होने से बच जाएं।


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