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मंत्री जी! बिना दलाल बैंक नहीं देते लोन, मेयर बोले- बात तो सही है

कष्ट निवारण समिति की बैठक में फरियादी ने खेल राज्यमंत्री की शिकायत एसडीएम को सौंपी गई जांच।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 06:06 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:06 AM (IST)
मंत्री जी! बिना दलाल बैंक नहीं देते लोन, मेयर बोले- बात तो सही है
मंत्री जी! बिना दलाल बैंक नहीं देते लोन, मेयर बोले- बात तो सही है

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मंत्री जी! आंध्रा बैंक से मुद्रा लोन के लिए आवेदन किया। बैंक ने लोन नहीं दिया। एलडीएम सुनील चावला ने जवाब दिया कि शिकायकर्ता की सिबिल रिपोर्ट खराब के कारण आवेदन खारिज हुआ। लेदा खादर के फरियादी लखविंद्र ने आरोप लगाया कि बैंक अधिकारियों ने दलाल रखे हैं। 10 से 12 फीसद कमीशन पर लोन दिला देते हैं। इसी बीच मेयर मदन चौहान ने समर्थन करते हुए कहा मंत्री जी ये बात पूरी तरह सही है। ये लोग मुद्रा लोन न देकर प्रधानमंत्री के सपने को ग्रहण लगा रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि बिना कमीशन के लोन नहीं मिलता। यह मामला गुरुवार को कष्ट निवारण समिति की बैठक में उठा। बैठक की अध्यक्षता खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह ने की।

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10 दिन में लोन पास करने का आदेश

फरियादी लखविंद्र ने मोबाइल पर ऑनलाइन सीबिल स्कोर दिखाया और तर्क दिया कि उनका सीबिल स्कोर 760 है। उनका कोई भी लोन पेंडिग नहीं है। कष्ट निवारण समिति के सदस्यों ने कहा कि बिना कमीशन के लोन नहीं होता। बैंकों का बुरा हाल है। मंत्री ने मौके पर आंध्रा बैंक के मैनेजर को बुलाया। उनके स्थान पर बैंक के डीलिग हेड आए। उन्हें 10 दिन में लोन पास करने के आदेश दिए। साथ ही जगाधरी की एसडीएम पूजा चांवरिया को दलालों के माध्यम से लोन देने वाले बैंकों की जांच कराने के आदेश दिए। मंत्री ने पूछा सवाल तो एडीसी हो गए चुप

बृहस्पतिवार को सरकार बनने के बाद पहली बार कष्ट निवारण समिति की बैठक खेल मंत्री संदीप सिंह सूरमा की अध्यक्षता में हुई। सुबह करीब 11 बजे खेल मंत्री लघु सचिवालय सभागार में पहुंचे। सांगीपुर के पवन कुमार का पहला परिवाद लगा। एडीसी केके भादू ने तर्क दिया कि जांच की गई। गांव में डस्टबिन रखे मिले हैं। जिस पर मंत्री ने शिकायकर्ता द्वारा झूठी शिकायत देने पर कार्रवाई न किए जाने का कारण पूछा, तो एडीसी चुप हो गए। बाद में पवन कुमार ने बताया कि पूर्व सरपंच व मौजूदा सरपंच ने डस्टबिन रखवाने के नाम पर घपला किया है। पेयजल आपूर्ति के लिए भी निजी लोगों के यहां सबमर्सिबल लगवाए गए हैं। मंत्री ने पूछा, तो एडीसी ने फिर बताया कि रमेश खान, बाबू, राजकुमार व सलेंद्र ने कब्जा किया है। पंचायत की जमीन पर लगे सबमर्सिबल को अपने घर के अंदर कर लिया। कुंडी डालकर चलाया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि ग्रामीणों से पूछताछ कर मामले की दोबारा जांच की जाए। सरकारी सबमर्सिबल का यदि निजी उपयोग हो रहा है। कुंडी डालकर चलाया जा रहा है, तो इसमें जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ग्रेच्युटी और बकाया वेतन रोकने वाले स्कूलों का रिकॉर्ड तलब

ग्रेच्युटी व बकाया वेतन को लेकर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कष्ट निवारण समिति में भी इसी तरह का एक परिवाद श्याम विहार कॉलोनी निवासी रमेश मोहश्वरी का सुना गया। वह गुरु नानक खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल से फरवरी 2017 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें अभी तक संशोधित ग्रेच्यूटी के करीब डेढ़ लाख रुपये नहीं मिल सके। डीईओ ने भी इस संबंध में मैनेजमेंट कमेटी को कई पत्र लिखे, लेकिन वह पेश नहीं हुए। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि स्कूल के दो कर्मचारियों पर उनके साथ अभद्रता की। जानबूझकर उनके रुपये रोके। 25 प्रतिशत कमीशन तक मांगने का आरोप लगाया। इसकी लिखित में एसपी को शिकायत देने के लिए मंत्री ने कहा। मंत्री ये भी बोले कि ये गंभीर समस्या है। इस तरह के काफी मामले होंगे कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। जिस स्कूल का यह मामला है। उसके जिम्मेदार कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर कर्मियों के ग्रेच्यूटी व बकाया वेतन का रिकॉर्ड लिया जाए। कानूनी लड़ाई लड़ते-लड़ते दुधारू भैंस बिक गई

अवैध खनन के मामले में नगली निवासी मोहम्मद इमरान का परिवाद रखा गया। उनका कहना था कि गांव में अवैध खनन हो रहा है। खनन करने वाले उनके घर की तरफ बढ़ रहे हैं। जिससे उनके मकान के गिरने का खतरा बना हुआ है। डीएसपी प्रदीप राणा ने तर्क रखा कि गांव में आठ कनाल जमीन पर अवैध खनन मिला। मामले में केस दर्ज किया गया। दो आरोपित गिरफ्तार किए गए। एक जमानत पर है। शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपित लगातार धमकी दे रहे हैं। कानूनी कार्रवाई के चक्कर में उनकी दुधारू भैंस तक बिक गई है। मंत्री ने खनन की शिकायत पर तुरंत केस दर्ज करने के आदेश दिए।


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