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30 लोगों को सोना गिरवी रख दिया दो करोड़ का लोन, ऑडिट में निकला नकली

एक्सिस बैंक के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सोना गिरवी रखने वालों ने बैंक को चूना लगा दिया। 30 लोगों ने 1.89 करोड़ रुपये का लोन ले लिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 01:44 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 03:53 PM (IST)
30 लोगों को सोना गिरवी रख दिया दो करोड़ का लोन, ऑडिट में निकला नकली
30 लोगों को सोना गिरवी रख दिया दो करोड़ का लोन, ऑडिट में निकला नकली

जेएनएन, साढौरा [यमुनानगर]। एक्सिस बैंक के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सोना गिरवी रखने वालों ने बैंक को चूना लगा दिया। 30 लोगों ने 1.89 करोड़ रुपये का लोन ले लिया। बैंक का ऑडिट होने पर पता लगा कि जो सोना गिरवी रखा है, वह नकली है। इसके बाद बैंक ने आनन-फानन में 31 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करा दिया। इसमें उस ज्वैलर संजय वर्मा के खिलाफ भी शिकायत दी गई, जिसे बैंक ने सोने की जांच करने के लिए रखा था। ज्वैलर संजय वर्मा ने खुद को निर्दोष बताते हुए बैंक अधिकारी और कर्मचारियों पर सोना बदलने का आरोप लगा दिया।

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अक्टूबर में लिया था लोन, मार्च 2018 में हुआ ऑडिट

मामला अक्टूबर 2017 का है। बैंक ने 30 लोगों को गोल्ड लोन दिया था। बैंक ने सोने की जांच के लिए कस्बे से ही संजय वर्मा को अधिकृत किया था, जो भी बैंक में गोल्ड लोन लेने आते, उसके सोने की जांच संजय वर्मा से करवाई जाती। इस तरह से बैंक से 30 लोगों ने करीब दो करोड़ रुपये का लोन लिया। मार्च 2018 में बैंक का ऑडिट हुआ तो पता लगा कि यह सोना नकली है।

बैंक ने 25 जुलाई 2018 को पुलिस को दी शिकायत

बैंक प्रबंधक अनुज ङ्क्षसगला ने 25 जुलाई को एसपी को शिकायत दी। इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने जांच की। बैंक में जाकर रिकॉर्ड भी खंगाला। अब इस मामले में केस दर्ज हुआ है। इसमें ज्वैलर संजय वर्मा समेत 31 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है।

इन लोगों ने लिया था लोन

नाम        लिमिट    वर्ष         

गगन पाल 5,70,000 दिसंबर 2017
गगन पाल 6,35,901 जनवरी 2018
गुरजीत सिंह 4,43,806 अक्टूबर 2017
गुरजीत सिंह 5,89,000 अक्टूबर 2017
गुरजीत सिंह 3,46,000 नवंबर 2017
गुरजीत सिंह 6,00,000 दिसंबर 2017
जयभगवान 4,38,000 फरवरी 2018
लालदीन 4,08,000 फरवरी 2018
लालदीन 4,25,000 फरवरी 2018
मनदीप शर्मा 1,89,500 फरवरी 2018
मनदीप शर्मा 1,78,000 फरवरी 2018
ङ्क्षप्रस सैनी 5,90,000 दिसंबर 2017
ङ्क्षप्रस सैनी 5,40,000 जनवरी 2018
राजीव कुमार 2,00,000 फरवरी 2018
साहिल 2,81,500 जनवरी 2018
साहिल 2,46,000 फरवरी 2018
सुरजीत सिंह 4,62,000 जनवरी 2018
सुरजीत सिंह 4,09,000 मार्च 2018
अमरजीत सिंह 2,78,000 फरवरी 2018
धर्मवीर 6,19,000 जनवरी 2018
हरविंद्र कौर 2,91,000 जनवरी 2018
जितेंद्र 2,80,000 जनवरी 2018
जगमाल सिंह 4,55,000 फरवरी 2018
जगमाल सिंह 2,67,000 मार्च 2018
जगमाल सिंह 93,900 मार्च 2018
जसपाल सिंह 2,79,000 मार्च 2018
कुलवंत सिंह 3,09,000 फरवरी 2018
राजेश कुमार 2,17,000 फरवरी 2018
राजेश कुमार 2,69,000 मार्च 2018
रामकुमार 6,52,000 नवंबर 2017
सर्वजीत सिंह 2,99,900 मार्च 2018
विनोद कुमार 2,99,000 मार्च 2018
मनदीप 5,56,000 नवंबर 2017
मनदीप 8,14,000 दिसंबर 2017
मनदीप 4,57,000 जनवरी 2018
प्रदीप शर्मा 5,70,000 अक्टूबर 2017
प्रदीप शर्मा 8,40,000 दिसंबर 2017
संदीप शर्मा 4,24,000 फरवरी 2018
संदीप शर्मा 4,52,000 मार्च 2018
राजेश कुमार 2,99,900 मार्च 2018
रविंद्र कुमार 1,43,500 फरवरी 2018
रोशन अली 3,10,000 मार्च 2018
बबली 3,50,000 जनवरी 2018
बबली 2,48,000 मार्च 2018
बबली 4,83,000 मार्च 2018
इकबाल 3,50,000 जनवरी  2018
नितिश  सैनी 4,94,000 मार्च 2018

( नोट : यह रिकॉर्ड बैंक ने पुलिस को दिया है। इस रकम पर ब्याज लगकर अब यह करीब दो करोड़ रुपये हो चुकी है।)

लोन लेने वाले बता रहे खरा है उनका सोना

एक्सिस बैंक की ऑडिट रिपोर्ट में जब सोना नकली निकला तो यह मामला मुख्यालय पहुंचा। मुंबई में बैंक की ओर से अधिकृत कंपनी अनन्या ओरनामेंट ने गिरवी रखे सोने की जांच की। वहां से जांच रिपोर्ट 29 मार्च को आई। रिपोर्ट में बताया गया कि गिरवी रखा सोना नकली है और कुछ सोने में खोट अधिक है। स्थानीय बैंक कर्मचारी इस मामले को दबाने में लगे रहे। कई माह बाद पुलिस को शिकायत दी गई। वहीं, लोन लेने वाले अपने सोने को खरा बता रहे हैं। साथ ही हर तरह की जांच की बात कह रहे हैं। कुछ का तो यह भी कहना है कि ये सोना उन्होंने बाजार से ही तो खरीदा था। यदि सोना नकली है तो बेचने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

मेरे सामने कभी नहीं लगाई सील : संजय वर्मा

हर्ष ज्वैलर्स के मालिक और बैंक की ओर से जांच के लिए अधिकृत संजय वर्मा ने बताया कि नवंबर 2017 में उन्हें बैंक की ओर से अधिकृत किया गया था। 20 साल से वह ज्वैलरी का काम कर रहे हैं। सोना परखने के लिए उनके पास कोई यंत्र नहीं है, तजुर्बे के आधार पर ही वे जांच करते थे। उनका तजुर्बा फेल नहीं हो सकता। बैंक कर्मचारियों ने भी उन्हें यही कहा था कि सोने को देखकर बस असली और नकली की पहचान करनी है। जांच के बाद अंग्रेजी के फार्म पर उनके साइन कराते थे, वे ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है।

सोना बैंक कर्मचारियों के ही कब्जे में रहता था। उनके सामने न तो सील लगाई जाती और न ही सील पर उनके कोई साइन होते। इसलिए ऐसा भी संभव है कि बैंक कर्मचारियों ने ही गिरवी रखा सोना बदला हो। मार्च तक उन्होंने बैंक के लिए काम किया। बाद में बैंक ने उनसे करार तोड़ लिया था। उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने मामले की सही से जांच की मांग की है।

दसवीं पास ज्वैलर, कोई पंजीकरण भी नहीं

इस पूरे मामले में बैंक कर्मचारियों ने खुद को बचा लिया। दरअसल, जिस ज्वैलर को सोना जांचने के लिए रखा गया, उसका कोई पंजीकरण नहीं है। ज्वैलर संजय वर्मा केवल दसवीं पास है। डेढ़ साल पहले ही उन्होंने अपनी फर्म रजिस्टर्ड कराई। ऐसे में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है, लेकिन बैंक की ओर से किसी भी कर्मचारी को इस लापरवाही में आरोपित नहीं बनाया गया। बैंक प्रबंधक भी इस मामले में कंपनी पॉलिसी का हवाला देकर कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं।

ऑडिट रिपोर्ट में खुला मामला

एक्सिस बैंक के प्रबंधक अनुज सिंगला का कहना है कि ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला खुला है। मुख्यालय से जो आदेश मिले, उसके बाद ही पुलिस को शिकायत दी गई। अब आगे की जांच पुलिस करेगी। इससे अधिक वह नहीं बता सकते।

रिपोर्ट मिलने के बाद हुआ केस दर्ज

सढौरा के थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह का कहना है कि आर्थिक अपराध शाखा ने इस केस की जांच की। वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद हमने केस दर्ज कर लिया है।

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