गुरसिख किसी पदवी का मोहताज नहीं : बलदेव
संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन हुआ। अध्यक्षता संयोजक बलदेव सिंह और मंच संचालन जय कुमार नारंग ने किया। बलदेव सिंह ने कहा कि निरंकार एक है सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन हुआ। अध्यक्षता संयोजक बलदेव सिंह और मंच संचालन जय कुमार नारंग ने किया।
बलदेव सिंह ने कहा कि निरंकार एक है, सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है। सबका रक्षक-पालक है। जब इस सर्वव्यापी एक को एक कर जान लिया जाता है, इस एक को एक कर मान लिया जाता है, तब यह निरंकार वह अटूट धागा बनकर सामने आता है, जो संपूर्णता मानवता को एक सूत्र में पिरो लेने की क्षमता रखता है। निरंकारी संत समागम इसका प्रत्यक्ष रूप है। गुरु दर्शन का फल है वड्डा मन नू पाक बनांदा है, गुरु चरणा दी धूडी लेकर मन मैला धूल जांदा है। निष्काम रूप से की गई सेवा हर प्रकार के सुख प्रदान करता है। मिशन को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं को समर्पित करना होगा। ये जीवन ही प्रचार बनाना होगा, क्योंकि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। भक्ति किसी पदवी की मोहताज नहीं है। भक्त कबीर ने कहा था हर जन ऐसा चाहिए हर ही जैसा होए। हरि का भक्त हरि जैसा ही होना चाहिए। भक्त सुख-दुख से उपर उठ जाता है, ऐसी अवस्था गुरसिख की होनी चाहिए। समागम के दौरान एक पुलिस कर्मचारी ने उनसे पूछा कि लाखों की संख्या में आई संगत की व्यवस्था सुचारू रूप से कैसे हो रही है कही पर थोड़ी सी भी भीड़ होती है, वहां धक्का-मुक्की या लड़ाई-झगड़े हो जाते है, परंतु यहां पर सब व्यवस्थित तरीके से चल रहा है, तब उन्होंने बताया कि यह सब देखने में तो लग रहा है कि सेवादल संभाल रहा है, परंतु ये सब करने वाला स्वयं सतगुरु ही है।