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फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभाव बताए

संवाद सहयोगी जठलाना : कृषि विभाग की ओर से बहादुरपुर में फसल अवशेष जलाने की रोककृषि विभाग की ओर से बहादुरपुर में फसल अवशेष जलाने की रोकथाम के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ एसडीएम डॉ. पूजा भारती ने किया। डॉ. भारती ने कहा कि किसान खेतों में पराली न जलाएं। फसल अवशेष जलाने से किसान मित्रकीट मर जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 12:28 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 12:28 AM (IST)
फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभाव बताए
फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभाव बताए

संवाद सहयोगी जठलाना :

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कृषि विभाग की ओर से बहादुरपुर में फसल अवशेष जलाने की रोकथाम के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ एसडीएम डॉ. पूजा भारती ने किया। डॉ. भारती ने कहा कि किसान खेतों में पराली न जलाएं। फसल अवशेष जलाने से किसान मित्रकीट मर जाते हैं। मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाती है। जीवों में अस्थमा, दमा, सांस की खतरनाक बीमारियां पैदा हो जाती हैं। वातावरण दूषित हो जाता है। आक्सीजन की कमी हो जाती है। उन्होंने आह्वान किया कि किसान फसल अवशेष न जलाकर कृषि यंत्रों द्वारा वैज्ञानिक तरीके से इनका प्रबंधन करें। उप कृषि निदेशक डॉ. सुरेंद्र यादव ने बताया कि 25 जुलाई को सरस्वती नगर, 27 जुलाई को रादौर, दो अगस्त को साढौरा, आठ अगस्त को छछरौली में खंड स्तरीय जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जा रहा है।


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