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अवैध खनन रोकने गए वन दारोगा को कुचलने का प्रयास, घाट में बिना नंबर के वाहन कर रहे खोदाई

बीबीुपर घाट पर गश्त कर रहे वन दारोगा को खनन माफिया ने डंपर से कुचलने का प्रयास किया। दारोगा ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। दारोगा व अन्य कर्मचारियों ने कई डंपरों के नंबर नोट कर लिए। कई वाहन तो ऐसे थे जिन पर उनका रजिस्ट्रेशन नंबर ही नहीं थी। एक पोकलाइन मशीन तो ऐसी पकड़ी गई जिससे माफिया ने चेसिस नंबर रजिस्टर्ड नंबर सबकुछ साफ कर रखा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 10:30 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 10:30 AM (IST)
अवैध खनन रोकने गए वन दारोगा को कुचलने का प्रयास, घाट में बिना नंबर के वाहन कर रहे खोदाई
अवैध खनन रोकने गए वन दारोगा को कुचलने का प्रयास, घाट में बिना नंबर के वाहन कर रहे खोदाई

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बीबीुपर घाट पर गश्त कर रहे वन दारोगा को खनन माफिया ने डंपर से कुचलने का प्रयास किया। दारोगा ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। दारोगा व अन्य कर्मचारियों ने कई डंपरों के नंबर नोट कर लिए। कई वाहन तो ऐसे थे जिन पर उनका रजिस्ट्रेशन नंबर ही नहीं थी। एक पोकलाइन मशीन तो ऐसी पकड़ी गई जिससे माफिया ने चेसिस नंबर, रजिस्टर्ड नंबर सबकुछ साफ कर रखा था। जिससे पता चलता है कि खनन माफिया किस तरह से नदियों का सीना चीर रहा है। थाना बूड़िया पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। वन राजिक अधिकारी जगाधरी संजीव कुमार ने बूड़िया पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 27 दिसंबर की रात वे टीम के साथ गश्त पर थे। वन दरोगा सतबीर सिंह के साथ बीबीपुर घाट पर लगभग सवा दो बजे पहुंचे। वहां पर प्रतिबंधित क्षेत्र में कुछ लोग पश्चिमी यमुना नहर में अवैध खनन कर रहे हैं। टीम को आता देख वे मौके से डंपर लेकर भागने लगे। जब उन्होंने डंपरों को रोकने की कोशिश की तो चालक ने रेस दे दी और ऊपर चढ़ाने लगे। यदि समय रहते सतबीर सिंह वहां से एक तरफ न कूदते तो डंपर चालक उनकी जान ले लेते। इस दौरान चार डंपरों के नंबर नोट किए गए। वहीं पांच-छह डंपर ऐसे थे जिन पर नंबर ही नहीं था। एक पोकलाइन भी वहां पर मिली। उस पर भी न तो रजिस्टर्ड नंबर था और न ही इंजन व चेसिस नंबर था। इसकी शिकायत थाना बूड़िया पुलिस को दी गई। इसके आधार पर पुलिस ने खनन करने वालों पर केस दर्ज कर लिया। सर्दी का फायदा उठा रहा माफिया :

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खनन माफिया जानलेवा सर्दी का बखूबी फायदा उठा रहा है। क्योंकि रात को न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। इतनी सर्दी में कोई भी बाहर नहीं निकलता। यहां तक की जिन गांवों के आसपास अवैध खनन होता है वहां के लोग भी सर्दी के चलते बाहर नहीं आते। इसी का फायदा खनन माफिया उठा रहा है। शाम होते ही डंपर, जेसीबी व पोकलाइन मशीनें नहरों व नदियों में उतार दी जाती हैं। रातभर नदियों का सीना चीरती हैं और सुबह होने से पहले ही चले जाते हैं। अब तो अवैध खनन करने वालों ने पकड़े जाने के डर से डंपरों की नंबर प्लेट ही उतरवा दी है, ताकि पकड़े जाने पर भागने में आसानी रहे। लेकिन बिना चेसिस नंबर, बिना इंजन नंबर व बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही पोकलाइन से किए जा रहे खनन से ये भी साफ हो गया है कि माफिया अवैध खनन करने के लिए किस हद तक जा सकता है।


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