गेहूं आवक शुरू, धरने पर आढ़ती
ई-ट्रेडिग के विरोध आढ़ती धरने पर बैठे हुए हैं। उन किसानों की चिता बढ़ गई है जो मंडी में गेहूं लेकर आ रहे हैं। ये किसान चाहकर भी फसल नहीं बेच सकेंगे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
ई-ट्रेडिग के विरोध आढ़ती धरने पर बैठे हुए हैं। उन किसानों की चिता बढ़ गई है जो मंडी में गेहूं लेकर आ रहे हैं। ये किसान चाहकर भी फसल नहीं बेच सकेंगे। बृहस्पतिवार को भी जिले भर के आढ़ती धरने पर डटे रहे। इनका कहना है कि जब तक सरकार लिखित में उनकी मांगें नहीं मान लेती, तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। आढ़तियों ने मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया है। ये दिए थे आश्वासन
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के जगाधरी अनाजमंडी प्रधान संदीप कुमार, सचिव भूषण लाल और कोषाध्यक्ष तेजिद्र सिंह ने बताया कि 13 जनवरी और 25 अप्रैल को आढ़तियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिला था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि गेहूं या अन्य कोई भी फसल में ई-खरीद नहीं होगी। आढ़त का व्यापार पहले की तरह चलता रहेगा। बीसीपीए मंडियों में पहले की तरह काम किया जाएगा। सरसों, सूरजमुखी की खरीद पर आढ़ती को सरकार 40 रुपये प्रति क्विटल देगी। सरसों की खरीद भी सुचारू चलेगी। अन्य राज्यों के किसानों आढ़तियों से जुड़े रहेंगे। इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।
आढ़ती जसबीर सिंह, प्रदीप कुमार, जरनैल सिंह, सुखदेव कांबोज, नवनीत चहल, दलजीत सिंह, नवीन कुमार व प्रवीण कुमार का कहना है कि सरकार को किसान व आढ़ती दोनों की समस्याओं को समझना चाहिए। आढ़ती जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि सरकार हरियाणा के किसानों को भी बिहार के किसानों के जैसा करना चाहती है। अनाज मंडियों को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है। आढ़तियों ने बाजार में निकाला रोष मार्च संवाद सहयोगी, रादौर : अनाज मंडी के आढ़ती ई-ट्रेडिग के विरोध में बृहस्पतिवार को भी अनिश्चितकालिन हड़ताल पर रहे। रादौर, जठलाना, गुमथला अनाज मंडियों में गेंहू की खरीद ठप पड़ी है। एसोसिएशन के जिला प्रधान शिवकुमार संधाला के नेतृत्व मे मंडी के आढ़तियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी की। तहसीलदार अशोक कुमार व मार्केट कमेटी के सचिव श्याम सिंह ने आश्वासन दिया कि सरकार ने ऑनलाइन गेट पास दिए जाने की शर्त को वापस ले लिया है। लेकिन आढ़ती नहीं माने। आढ़तियों ने कहा कि सरकार ऑनलाइन जे फार्म काटने की शर्त को वापस ले और लिखित में आढ़तियों को आश्वासन दे कि भविष्य में मंडियों में ई ट्रेडिग व्यवस्था लागू नहीं की जाएगी। आढ़तियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा। शहर के लगभग 50 से अधिक आढ़तियों ने अपनी मांगों को लेकर शहर के मेन बाजार में रोष मार्च निकाला। जिला प्रधान ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश की मंडियों में लागू की गई। किसान विरोध कर रहे है। सरकार जानबुूझकर इस व्यवस्था को लागू कर किसानों व आढ़तियों के लिए समस्या खड़ी कर रही है। मंडी के आढ़ती ई ट्रेडिग प्रणाली के लिए तैयार नहीं है। इस प्रणाली के तहत मंडी के आढ़ती दोपहर 3 बजे के बाद गेहूं की खरीद नहीं कर सकते। जबकि अनाजमंडी मे किसान हर समय गेहूं की फ सल लेकर पहुंचते हैं। समय सीमा निर्धारित होने से आढ़तियो व किसानों के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी। मौके पर राजपाल खरकाली, करनैल सागड़ी, दीपक मेहता, टोनी अलाहर, पूर्व प्रधान प्रवीण कांबोज जयपुर, मान सिंह आर्य, संदीप टोपरा, रणधीरसिंह टोपरा, संजय टोपरा, प्रदीप टोपरा,पूर्व प्रधान राजेश कांबोज, पूर्व प्रधान सुभाष कांबोज जयपुर, प्रवीण अग्रवाल, बृजभूषण, बंसीलाल सैनी व अन्य उपस्थित थे। फोटो : 18ए
मार्केट कमेटी के सचिव को सौंपा ज्ञापन
संवाद सहयोगी, साढौरा: सरकार की ओर से ई-ट्रेडिग व सीधे भुगतान की प्रणाली जबरन थोपे जाने के विरोध में अनाज मंडी के सभी आढ़ती हड़ताल पर रहे। आढ़तियों ने अपनी दुकानें बंद रखकर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करने के बाद मार्केट कमेटी सचिव को ज्ञापन सौंपा। प्रधान नरेश सिगला ने बताया कि आढ़तियों के विरोध के बावजूद सरकार द्वारा जबरन ई-ट्रेडिग व सीधे भुगतान की प्रणाली को थोपा जा रहा है। सरकार की यह नीति आढ़ती ही नहीं किसान विरोधी भी हैं। जब तक सरकार इसको वापस नहीं लेती है तब तक आढ़ती कामकाज ठप रखेंगे।