इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हुआ अर्णव का नाम, स्कूल में हुआ सम्मान
जागरण संवाददाता यमुनानगर स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल सेक्टर-17 के कक्षा नर्सरी के छात्र अ
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल सेक्टर-17 के कक्षा नर्सरी के छात्र अर्णव जैन ने अपना नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराया है। अर्णव जैन ने पांच मिनट 58 सेकेंड में 260 विभिन्न कंपनियों के प्रतीक चिह्न को याद किया है। जो की एक साढ़े चार साल के बच्चे के लिए बहुत ही मुश्किल कार्य है। इन प्रतीक चिह्न में ई-कामर्स, गाड़ियों के निर्माता, टीवी चैनल, क्लॉथ ब्रांड्स, घरेलू सामान बनाने वाली कंपनियां प्रमुख रूप से शामिल हैं। इंडिया बुक आफ रिकार्ड ने अर्णव की प्रतीक चिह्न को पहचानने की क्षमता को सराहा व 2020 के संस्करण में शामिल भी किया। इंडिया बुक आफ रिकार्ड की तरफ से अर्णव को एक मेडल, सर्टिफिकेट व किताब से नवाजा गया। अर्णव की माता खुशबू जैन ने बताया की लाकडाउन के दौरान उनका बेटा हर समाय बोर होता रहता था। उन्होंने खेल-खेल में अपने बेटे के साथ प्रतीक चिह्न को पहचानने का खेल शुरू किया। आज वह 260 से ज्यादा कंपनियों के प्रतीक चिह्न को झट से पहचान लेता है। अर्णव बड़ा होकर साइंटिस्ट बनना चाहता है। स्वामी विवेकानंद स्कूल पहुंचने पर छात्र व स्वजनों का स्वागत स्कूल प्रिसिपल तापोष भटाचार्य , निदेशिका डा. अनिता कांबोज व अन्य स्टाफ सदस्यों ने किया। मौके पर अर्णव के पिता रविश कुमार, दादी सुशीला जैन, विशाल बक्शी, रमा मेहता, सचिन पंजेटा, रमन छाबड़ा व विजय कौशिक मौजूद रहे। हवन से हुआ शिक्षण सत्र का शुभारंभ
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी जगाधरी में सोमवार को शिक्षण सत्र का शुभारंभ हवन से हुआ। संस्थान के चेयरमैन सुशील गुप्ता, उप प्रधान प्रवीन गोयल, सचिव डा. अश्वनी गोयल, वित्त सचिव पवन गर्ग, संस्थान के निदेशक डा. नरेंद्र राणा, गौरव कोचर, मीनाक्षी गुप्ता समेत सभी शिक्षकों व कर्मचारियों ने हवन में आहुति डाली। डा. नरेंद्र राणा ने कहा कि छात्रों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारना संस्थान का उद्देश्य है। छात्र स्वयं सोचें, स्वयं को भविष्य का लीडर बनने की ओर अग्रसर हो ताकि इसका लाभ समाज को मिल सके। संस्थान विषय के अतिरिक्त छात्रों के विकास के लिए पीडीपी, रिजनिग, इंग्लिश कम्युनिकेशन पर जोर दिया जाता है ताकि विद्यार्थी रोजगार प्राप्त कर अपने जीवन में सफल हो सके। अंत में सभी को प्रसाद वितरण किया गया व सभी के कुशल भविष्य की कामना की।