किताबी ज्ञान के साथ स्वच्छता की अलख जगा रही अन्नू
मॉडल टाउन निवासी अन्नू कपूर जरूरतमंदों को किताबी ज्ञान देने के साथ स्वच्छता की अलख जगाने का काम कर रहीं है। प्रिसिपल के पद पर कार्यरत हैं। समय निकाल कर स्लम एरिया में जाकर किशोरियों को जागरूक करती हैं। उनमें सेनेटरी पैड वितरित कर उनकी झिझक भी दूर कर रहीं हैं।
नितिन शर्मा, यमुनानगर
मॉडल टाउन निवासी अन्नू कपूर जरूरतमंदों को किताबी ज्ञान देने के साथ स्वच्छता की अलख जगाने का काम कर रहीं है। प्रिसिपल के पद पर कार्यरत हैं। समय निकाल कर स्लम एरिया में जाकर किशोरियों को जागरूक करती हैं। उनमें सेनेटरी पैड वितरित कर उनकी झिझक भी दूर कर रहीं हैं। नैतिक शिक्षा पर जोर देने के साथ कानूनी जानकारी भी देने का काम बखूबी कर रही हैं।
अन्नू कपूर बताती हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में 18 वर्षो से हैं। हमारी सच्ची मित्र किताबें हो सकती हैं। उनकी दोस्ती किताबों के साथ ज्यादा रही है। वे बच्चों को पढ़ाने के साथ शिक्षा का महत्व बताती हैं। उनको बताया जाता है कि शिक्षा के बिना हमारी कोई पहचान नहीं है। हमारा ज्ञान हजारों में हमें अलग रखता है। जरूरी नहीं है कि भीड़ में चला जाए। अकेले चलकर भी लोग सफल होते हैं। वे जब कभी बाजार के लिए निकलती हैं, तो देखती थी बहुत सी किशोरी, महिलाएं गंदे कपड़ों में घूम रहीं हैं। इनको देखकर हमेशा सोचती थी कि इनको स्वच्छता का पाठ कैसे पढ़ाया जाए। एक बार उन्होंने कोशिश की और इनको रोककर बताया। ये महिलाएं कुछ समझना नहीं चाहती थी। इसके बाद उनको सांई सौभाग्य संस्था के साथ जुड़ने का मौका मिला। इसके बाद स्लम एरिया में गई। किशोरियों से बातचीत करने का मौका मिला। उनको स्वच्छता के बारे में विस्तार से बताया। उनको बताया कि स्वच्छता अपनाना जरूरी है। गंदे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। उन्होंने पिक मिशन में सेनेटरी पैड वितरित करने का काम किया। शुरू में लड़कियों ने स्वीकार नहीं किए। जब उनको इसके बारे बताया तो उनका साथ देने लगी। हाईजैनिक के फायदे बताए जाते हैं।
पिता से प्रेरित होकर आई समाजसेवा में
एमकॉम बीएड पास अन्नू का कहना है कि वे मूल रूप से अंबाला की हैं। शादी के बाद यमुनानगर आई हैं। इनके पिता जी प्रयास वेलफेयर एसोसिएशान के साथ जुड़े थे। 25 साल तक वे सक्रिय रहे। कभी कभार उनको उनके साथ जाने का मौका मिलता था। उनसे प्रेरित होकर ही वे समाजसेवा क्षेत्र में आई हैं। इनके पति राजेश कपूर कंपनी के एमडी हैं। इनका बेटा कुशाग्र सीए कर रहा है। इनकी बेटी केशवी स्कूल में पढ़ती हैं।
जरूरतमंदों की दवा का उठाती हैं खर्च
अन्नू केवल स्लम एरिया तक ही सीमित नहीं हैं। बल्कि और जरूरतमंद लोगों की सहायता भी करती है। उनका प्रयास रहता है कि लोग सेहतमंद हो। स्वास्थ रहे। जरूरतमंद बच्चों की दवा का खर्च भी उठाती हैं। इसके लिए लिस्ट बनाकर रखती हैं। समय पर दवा उपलब्ध कराती हैं।
इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च करती वहन
बाल विकास परिषद की सदस्य अन्नू बताती हैं कि तीन बच्चे उन्होंने ऐसे चयनित किए हुए हैं जिनका वे पढ़ाई का खर्च वहन करती हैं। स्कूल के बच्चों को पोस्को एक्ट के बारे में बताती हैं। नैतिक शिक्षा अपनाने पर जोर दिया। बड़ों का आदर करना बचपन से बताना चाहिए। उनका युवाओं के नाम संदेश है कि हमारी संस्कृति हमारे संस्कार पहचान है। इसको बनाए रखना युवाओं की जिम्मेदारी है।