कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर डीसी को दिया ज्ञापन
बढ़ती महंगाई बेरोजगारी ओवरलोड और बेहाल अर्थव्यवस्था के खिलाफ शुक्रवार को कांग्रेस ने सचिवालय के सामने जो धरना-प्रदर्शन किया। उसमें एक बार फिर गुटबाजी देखने को मिली। विधानसभा चुनावों में जिन कांग्रेस नेताओं को टिकट नहीं मिला था इस धरने से पूरी तरह से दूर रहे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, ओवरलोड और बेहाल अर्थव्यवस्था के खिलाफ शुक्रवार को कांग्रेस ने सचिवालय के सामने जो धरना-प्रदर्शन किया। उसमें एक बार फिर गुटबाजी देखने को मिली। विधानसभा चुनावों में जिन कांग्रेस नेताओं को टिकट नहीं मिला था, इस धरने से पूरी तरह से दूर रहे। उससे पता चलता है कि चुनाव के एक माह बाद भी कांग्रेस में आपसी फूट अभी तक नहीं दूर नहीं हुई है। धरने में नेताओं में माइक पर बोलने की होड़ सी मची रही। धरने में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा को आना था। दोपहर तक उनके आने को लेकर अटकलबाजी होती रही। बाद में मंच से घोषणा की गई कि जरूरी कार्य के चलते कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष धरने में शामिल नहीं होंगी।
रादौर विधायक डॉ. बीएल सैनी की तरफ से सचिवालय के सामने अनाज मंडी गेट पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इसमें साढौरा विधायक रेणू बाला को आना था, लेकिन बीमारी के चलते वे नहीं पहुंच पाई। उनकी जगह पति इंजीनियर ऋषिपाल आए। इसके अलावा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर अकरम खान, कांग्रेस प्रत्याशी रही निर्मल चौहान, श्याम सुंदर बतरा पहुंचे। जबकि साढौरा से पूर्व विधायक राजपाल भूखड़ी, रादौर से पूर्व प्रत्याशी सुरेश ढांडा, भूपेंद्र राणा, बृजपाल छप्पर, पिकी छप्पर, देवेंद्र चावला, पूर्व सीपीएस कृष्णा पंडित समेत कई नेता धरने में पहुंचे ही नहीं।
सचिवालय में डीसी को दिया ज्ञापन
धरने के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में बेरोजगारी बढ़ गई है। किसानों पर पराली जलाने के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। ओवरलोड पर प्रशासन का अंकुश नहीं है। उससे सड़कें टूट रही हैं। एक तरफ नौकरियों में पारदर्शिता की बात करते हैं तो पिछले दरवाजे से अपनी जेब भर रहे हैं। यहां से प्रदर्शन करते हुए वे सचिवालय पहुंचे जहां पर उन्होंने डीसी मुकुल कुमार को ज्ञापन दिया।