अधिवक्ता बोले, बेदाग छवि और अच्छे वकील के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे जेटली
भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर लोगों ने शोक व्यक्त किया है। उनकी बेदाग छवि और ओजस्वी भाषण हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता था। वे एक नेता होने के साथ अछे वकील भी थे। उनके निधन से अधिवक्ताओं को काफी क्षति पहुंची है। अधिवक्ताओं से बातचीत की।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर लोगों ने शोक व्यक्त किया है। उनकी बेदाग छवि और ओजस्वी भाषण हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता था। वे एक नेता होने के साथ अच्छे वकील भी थे। उनके निधन से अधिवक्ताओं को काफी क्षति पहुंची है। अधिवक्ताओं से बातचीत की।
सशक्त नेता थे जेटली : बलविद्र सैनी
जगाधरी के जिला बार एसोसिएशन के प्रधान बलविद्र सैनी का कहना है कि अरुण जेटली के निधन की जब खबर सुनी तो काफी दुख हुआ, क्योंकि वे एक सशक्त नेता होने के साथ ही अच्छे वकील भी थे। उन्होंने कई सालों तक वकील के रूप में प्रेक्टिस की। जब कोर्ट में मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी और अमित शाह का केस चल रहा था तो दोनों को निर्दोष साबित कराने में अरुण जेटली ने काफी भूमिका रही। बिना लोकसभा और राज्यसभा सदस्य रहे वे मंत्री बने। कई बार उन्होंने भाजपा को मुसीबतों से बाहर निकाला। एडवोकेट के वेलफेयर के लिए भी उन्होंने काफी काम किया। इसलिए उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा।
कर्मठ और ईमानदार नेता थे : गुरमीत सिंह
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान गुरमीत खुर्दबन का कहना है कि जेटली ने देश के विकास में बहुत भूमिका निभाई है। जब देश में जीएसटी लागू हुआ तब देश के वित्त मंत्री जेटली ही थे, क्योंकि वे कर्मठ और ईमानदार थे इसलिए भाजपा ने उन्हें पार्टी में स्थान दिया। एक ऐसे वक्ता थे, जब हिदी में बोलते थे तो कम शब्दों में स्पष्ट बात करते थे। क्योंकि वे अच्छे वकील भी थे तो उनके इस संसार से जाने का ज्यादा दुख है। उनकी कमी हमेशा खलेगी।
सारा जीवन बेदाग रहा : डीसी बिदल
वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सेक्टर-17 एसोसिएशन के प्रधान डीसी बिदल का कहना है कि जेटली सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील रहे। उनका कोर्ट में बहस करने का तरीका बहुत अच्छा था। वे भाजपा के ऐसे स्तंभ थे, जो इतनी जल्दी डगमगाता नहीं था। कई बार उन्होंने भाजपा को मुश्किलों के दौर से बाहर निकाला। सबसे खास बात ये रही की उनका सारा जीवन बेदाग रहा। भाजपा के साथ देश को भी उनके निधन से नुकसान पहुंचा है। देश में ऐसे लोग बहुत कम लोग ही होते हैं। उनके निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ।