Move to Jagran APP

मोटापे को हराकर जीवन में आगे बढ़ी संगीता, अब नेचुरल थेरिपी से कर रही दूसरों का उपचार

अगर किसी को मोटापा घेर ले तो जीवन नीरस बन जाता है। कई प्रकार की बीमारियां भी घेर लेती हैं। व्यक्ति उनमें ही उलझ कर रह जाता है, लेकिन आइटीआइ कॉलोनी निवासी संगीता दुआ ने मोटापे को खुद पर हावी नहीं होने दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 01:06 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 01:06 AM (IST)
मोटापे को हराकर जीवन में आगे बढ़ी संगीता, अब नेचुरल थेरिपी से कर रही दूसरों का उपचार
मोटापे को हराकर जीवन में आगे बढ़ी संगीता, अब नेचुरल थेरिपी से कर रही दूसरों का उपचार

नितिन शर्मा, यमुनानगर

loksabha election banner

अगर किसी को मोटापा घेर ले तो जीवन नीरस बन जाता है। कई प्रकार की बीमारियां भी घेर लेती हैं। व्यक्ति उनमें ही उलझ कर रह जाता है, लेकिन आइटीआइ कॉलोनी निवासी संगीता दुआ ने मोटापे को खुद पर हावी नहीं होने दिया। उनका वजन 118 किलो तक पहुंच गया था, लेकिन नियमित योग अपना कर वजन 59 किलोग्राम किया। वजन कम होते ही सारी बीमारियां दूर हो गई। 10 माह नियमित योग करने से वजन कम हुआ है। ठीक होन के बाद दूसरों को योग सिखाने का अपना ध्येय बना लिया है। नेचुरल थेरिपी की पढ़ाई की। डिग्री लेकर अब इस थेरीपी से उपचार भी करती हैं।

संगीता दुआ ने बताया कि पहले वे भी स्लिम थीं। कुछ समय पहले शरीर भारी होने लगा। इससे परेशान हो गई। मोटापे से निजात पाने के लिए दवाई ली। दवाइयों के सेवन से कोई लाभ नहीं हुआ। कई डॉक्टरों की सलाह ली, फिर भी समस्या हल नहीं हुआ। जैसे-जैसे दवाई लेती थी, मोटापा कम होने के बजाय बढ़ता चला गया। 118 किलो वजन हो गया। इस दौरान उनको किसी ने सलाह दी कि योग से भी बहुत से रोग दूर होते हैं। उनकी सलाह मानकर योग करना शुरू किया। शुरुआत में योग भी नहीं हुआ। वजन ज्यादा होन के कारण जमीन पर नहीं बैठ पाती थी। एक-दो आसन ही पाती थी, लेकिन नियमित योग करने से शरीर लचीला हो गया। इस बीच कई लोगों ने मनोबल तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने योग जारी रखा और इससे ऊर्जा बढ़ती गई।

कभी दूध तो कभी रही फल पर निर्भर

संगीता बताती हैं कि उन्होंने डाइट चार्ट बना रखा था। इस दौरान वे एक दिन दूध पर निर्भर रहती थीं। पूरे दिन कोई और वस्तु का सेवन नहीं करती। अगले दिन वे फल लेती थीं। भोजन न के बराबर ही था। इस डाइट का फायदा यह हुआ कि उनका वजन संतुलित हो गया। वजन कम होने पर शुगर, ब्लड प्रेशर आदि बीमारियां दूर हो गई। खुद के प्रयास से उनको नई ¨जदगी मिली।

ठीक होते ही की पढ़ाई

वे पूर्ण स्वस्थ्य हुई तो उन्होंने नेचुरल थेरिपी की डिग्री हासिल की। अब वे इस थेरिपी से दूसरों का उपचार कर रही हैं। एक्युप्रेशर से भी इलाज करती हैं। रोजाना उनके बड़ी संख्या में लोग आते हैं। नियमित रूप सिखाती हैं योग

ठीक होने के साथ ही दूसरों को नियमित योग सिखाती हैं। योग से दो महिलाओं का वजन कम हुआ। एक महिला का वजन 110 से घटकर 70 किलोग्राम हुआ, तो दूसरी महिला का वजन 106 से 60 किलोग्राम हो गया। संगीता के पति बिजनसमैन हैं। दो बच्चे हैं। बेटा बीसीए तो बेटी एमबीए कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.