आदिबद्री व कलेसर की हुई कायाकल्प, बढ़ी सैलानियों की संख्या
आदिबद्री और कलेसर की कायाकल्प हो गई। इससे यहां सैलानियों की संख्या बढ़ी है। पर्यटन हब के रूप में विकसित किया गया है। यहां सड़कों, पेयजल आपूर्ति का ध्यान रखा गया है। कलेसर को सप्ताह में सोमवार के दिन पर्यटकों के लिए खोला जाता है। यहां कार्य प्रशासन की ओर से किए गए।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आदिबद्री और कलेसर की कायाकल्प हो गई। इससे यहां सैलानियों की संख्या बढ़ी है। पर्यटन हब के रूप में विकसित किया गया है। यहां सड़कों, पेयजल आपूर्ति का ध्यान रखा गया है। कलेसर को सप्ताह में सोमवार के दिन पर्यटकों के लिए खोला जाता है। यहां कार्य प्रशासन की ओर से किए गए।
यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं श्राइन बोर्ड की ओर से उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। इसके साथ ही मंदिर तक जाने वाली सड़क को पक्का किया गया है। पहले इस सड़क की स्थिति ठीक नहीं थी। गड्ढों में बदल चुकी थी। वर्तमान समय में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन की ओर से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। इसके नजदीक बने सरस्वती उद्गम बना है।
सरस्वती कुंड में भरा गया पानी
इसके समीप सरस्वती कुंड भी बना है। प्रशासन ने कुंड को पानी से भरा है, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इससे पहले यहां की स्थिति अच्छी नहीं थी। प्रशासन लंगर की सुविधा और डिस्पेंसरी की भी व्यवस्था करेगा। क्षेत्र में नागरिकों को सुविधाएं देने के लिए श्राइन बोर्ड के अधीन आने वाली जमीन पर अन्य विकास योजनाएं बनाई है। क्षेत्र के विक्रम ¨सह, विजय कुमार ने बताया कि जब से आदिबद्री में विकास कार्य हुए हैं। उनके गांव भट्टूवाला की पहचान भी बढ़ी है। लोग आने लगे हैँ। सड़क किनारे सजी दुकानों को ग्राहक मिलने लगे हैं।
17 किमी एरिया घूमने के लिए
ध्यान रहे कि कलेसर वन सोमवार को पर्यटकों के लिए खोला जाता है। अब तक एक हजार से ज्यादा पर्यटक यहां आ चुके हैं। यहां 42 से ज्यादा पैंथर खिजरी क्षेत्र में पाए जाते हैं। 17 किलोमीटर का एरिया लोगों के घूमने के लिए है। इसके लिए विभाग की गाड़ी लगी है, जोकि लोगों को सुरक्षित भ्रमण कराती है