एडीसी के आदेश बेमानी, सड़कों पर दौड़ रही ओवरलोड गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां
एडीसी के आदेश भी शुगर मिल प्रबंधन के लिए बेमानी साबित हो रहे हैं। रोक के बावजूद भी सड़कों पर शुगर मिल के क्रय केंद्रों से आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉले दौड़ रहे हैं जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
एडीसी के आदेश भी शुगर मिल प्रबंधन के लिए बेमानी साबित हो रहे हैं। रोक के बावजूद भी सड़कों पर शुगर मिल के क्रय केंद्रों से आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉले दौड़ रहे हैं, जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है। ओवरलोड गन्ना लेकर आने वाले इन ट्रैक्टर ट्रॉलों के पास से भी कोई वाहन नहीं गुजर सकता। ट्रॉलों से गन्ना बाहर होता है, जिसके किसी भी दूसरे वाहन में फंसने या लगने का खतरा बना रहता है। दूसरा इन वाहनों पर न तो कोई रिफ्लेक्टर होता है और न ही इनमें वजन का कोई मानक तय है। यह हालात तब हैं, जब शुगर मिल प्रबंधन किसानों से गन्ना ढुलाई के नाम पर अलग से पैसा काटता है।
पिछले दिनों हुई रोड सेफ्टी की बैठक में क्रय केंद्रों से गन्ना लेकर आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉलों का मुद्दा उठा था। इनकी वजह से हो रहे हादसों पर अधिकारियों ने चिता जताई। जिस पर एडीसी केके भादू ने तुरंत इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर रोक लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन इन आदेशों का कोई असर नहीं दिख रहा है। अब भी सड़कों पर ऐसे ट्रैक्टर ट्रॉले दौड़ रहे हैं। सरस्वती शुगर मिल ने गन्ना लाने के लिए करीब 80 ट्रक व 125 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां लगा रखी हैं। किसानों के लिए है ट्रैक्टर ट्रॉली
शुगर मिल में किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली में गन्ना लाते हैं। कृषि कार्यो के लिए छूट है, लेकिन शुगर मिल प्रबंधन ने इनका कॉमर्शियल प्रयोग करना शुरू कर दिया। किसानों के लिए शुगर मिल में गन्ना लाने का वजन 80 क्विंटल वजन निर्धारित है, लेकिन कॉमर्शियल प्रयोग में चल रहे ट्रैक्टर ट्रॉलों का कोई वजन निर्धारित नहीं है। यह सड़कों पर 150 से 200 क्विंटल तक गन्ना लेकर निकलते हैं। कुछ साल पहले तक क्रय सेंटरों से ट्रकों में ही गन्ना मिल तक पहुंचाया जाता था। अब ट्रकों की संख्या कम कर दी गई और इनकी जगहों पर ट्रैक्टर ट्रॉलों का प्रयोग होने लगा। ट्रकों में गन्ना बॉडी के अंदर रहता था, लेकिन इन ट्रॉलों में गन्ना बाहर निकला रहता है। इससे मिल को फायदा हो रहा है, लेकिन लोगों की जान जोखिम में है। अधिकारियों ने भी उठाया था मामला
रोड सेफ्टी की बैठक में अधिकारियों ने कहा था कि मिल में आने वाली ट्रॉलियों में जो गन्ना लाया जा रहा है। उसकी फैलावट अधिक है। अधिक भरने के चक्कर में कई फुट तक गन्ना बाहर निकाल जाता है। इनकी वजह से सड़क पर जाम भी लगता है। साथ ही आसपास से निकलने वाले वाहनों को भी खतरा रहता है। कई जगहों पर बाहर निकले इन गन्नों की वजह से बिजली के पोल व अन्य बोर्ड टूट चुके हैं। कोट्स :
सरस्वती शुगर मिल के वाईस प्रेसीडेंट केन डीपी सिंह का कहना है कि मैं कुछ दिन से बाहर था। प्रशासन की ओर से ऐसे कोई आदेश के बारे में जानकारी नहीं है। ऑफिस जाकर ही देखना पड़ेगा।