152 किलोमीटर नदियों पर बाढ़ से बचाव के लिए होंगे 26 काम
यमुना सोम व पथराला नदियों में आने वाली बाढ़ से बचाव के लिए बिसात बिछने लगी है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
यमुना, सोम व पथराला नदियों में आने वाली बाढ़ से बचाव के लिए बिसात बिछने लगी है। हरियाणा फ्लड कंट्रोल बोर्ड की बैठक तीनों नदियों पर कुल 26 कामों को मंजूरी मिली है। इन पर 12 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गत वर्ष इनकी संख्या 32 थी। क्षेत्र के लोग इन कामों को पर्याप्त नहीं मान रहे हैं। क्योंकि दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली यमुना सहित सोम और पथराला नदी के 152 किलोमीटर एरिया क्षेत्र में 23 जगह काम होंगे। जागरूक किसानों की मानें तो इतने काम केवल अकेले यमुना नदी पर होने चाहिए थे। हथनीकुंड बैराज से गुमथला तक यमुना नदी की लंबाई 70 किलोमीटर है। इसी प्रकार सोम नदी की लंबाई 42 और पथराला की 40 किलोमीटर है। इन नदियों से प्रभावित होने वालों 50 से ज्यादा गांव है। यहां-यहां होंगे काम
लाहड़पुर-डुमोवाला में मारकंडा पर 1200 फीट स्टोन स्टेनिग, अजात आश्रम गोशाला को पानी के कटाव से बचाने के लिए चिक्कन खोल नदी पर 600 फीट स्टोन स्टेनिग, कलेसर में 1200 फीट स्टोन स्टेनिग, मुकारमपुर में कृषि योग्य भूमि से बचाव के लिए 1000 फीट स्टोन स्टेनिग, नथनपुर में पथराला नदी पर 550 फीट स्टोन स्टेनिग, पथराला नदी पर कोटरा काहन सिंह में 600 फीट स्टोन स्टेनिग, पथराला नदी पर आबादी व कृषि योग्य भूमि को कटाव से बचाने के लिए 1900 फीट बंध व पीचिग, लोहगढ़ खोल पर 1400 फीट स्टोन स्टेनिग, खानूवाला में सोम नदी पर, जयरामपुर व दमोपुरा में 700 फीट स्टोन स्टेनिग, रामपुर गेंदा में सोम नदी पर 436 फीट स्टोन स्टेनिग, सोम नदी पर बनकट में छह जगह बचाव, टापू कमालपुर में 7 जगह काम व 450 फीट स्टोन स्टेनिग, यमुना नदी पर बागवाली गांव में आठ जगह स्टोन स्टड, बनियावाला से कांसली खोल तक 1000 फीट स्टोन स्टेनिग व बंध, यमुना नदी पर ओधरी गांव में छह जगह स्टोन स्टड, कनालसी गांव में यमुना पर पांच जगह स्टोन स्टड, यमुना पर मंडोली गांव में तीन जगह स्टोन स्टड, यमुना पर बाबूरामबांस में दो जगह स्टोन स्टड, यमुना नदी पर दो जगह स्टोन स्टड, लाक्कड़मय प्रतापपुर में यमुना पर पांच जगह स्टड व लापरा गांव में भी यमुना में बचाव के लिए स्टोन स्टेनिग का काम होगा। इनसेट
क्षेत्रवासियों के मुताबिक, उप्र में पटरी बनने के बाद यमुना नदी का रुख हरियाणा की ओर बढ़ गया है। पानी के तेज बहाव से कटाव के कारण हर वर्ष कहीं 10 मीटर तो कहीं 30 मीटर यमुना अपनी तरह आ रही है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा के बीचोबीच गुजर कर दिल्ली की ओर जा रही यमुना नदी बारिश के सीजन में क्षेत्र के लिए बड़ी तबाही का कारण बनती है। इनसेट
इन गांवों को बाढ़ का खतरा :
माली माजरा, नवाजपुर, लाक्कड़, लेदी, बेलगढ़, टापू कमालपुर, होदरी, लापरा, बीबीपुर, मांडेवाला, खानूवाला, आंबवाली, टिब्बड़ियों, काटरवाली, रामपुर गेंडा, रणजीत पुर, भंगेड़ा, मलिकपुर, रणजीतपुर, मुजाफत, नगली, प्रलादपुर, पौबारी, संधाला, संधाली, लालछप्पर, मॉडल टाऊन करेहड़ा, उन्हेड़ी, संधाला, संधाली, गुमथला समेत अन्य गांवों में हर वर्ष बाढ़ का खतरा रहता है। इनसेट
हरियाणा बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में मंजूर होते हैं काम
हरियाणा फ्लड कंट्रोल बोर्ड की बैठक में प्रदेश भर की नदियों पर होने वाले कामों पर चर्चा होती है। इस बैठक में जितने कामों को मंजूरी मिलती है, उतने काम सिचाई विभाग की ओर नदियों पर कराए जाते हैं। गत वर्ष की बात की जाए तो इन कामों की संख्या करीब दोगुनी थी। इनसेट
यमुना, सोम, पथराला सहित अन्य नदियों में आने वाली बाढ़ से बचाव के लिए काम करवाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन कामों को बारिश के सीजन से पहले पूरा करवा लिया जाएगा।
विनोद कुमार, एक्सइएन, सिचाई विभाग।