Move to Jagran APP

सरकारी विभागों पर 25 करोड़ टैक्स बकाया, निगम कर्मियों को वेतन के लाले

मेयर बोले सीएम के संज्ञान में डालेंगे मामला नंबर गेम 14 करोड़ 50 लाख की रिकवरी कर पा

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 01:06 AM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 01:06 AM (IST)
सरकारी विभागों पर 25 करोड़ टैक्स बकाया, निगम कर्मियों को वेतन के लाले
सरकारी विभागों पर 25 करोड़ टैक्स बकाया, निगम कर्मियों को वेतन के लाले

मेयर बोले, सीएम के संज्ञान में डालेंगे मामला नंबर गेम

loksabha election banner

14 करोड़ 50 लाख की रिकवरी कर पाया नगर निगम

50 करोड़ निजी और 25 करोड़ सरकारी विभागों पर शेष जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

नगरवासियों को ईमानदारी से टैक्स अदा करने की सलाह देने वाले अधिकारियों की इस मामले में नीयत साफ नहीं है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी विभागों को 25 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स देना है। इतना ही नहीं गैर सरकारी संस्थानों से (50 करोड़) यानी कुल 75 करोड़ों रुपये निगम ने टैक्स के रूप में लेने हैं। टैक्स में छूट मिलने के बावजूद केवल तीन विभागों ने ही टैक्स अदा करने में रुचि दिखाई है। इनमें एक्सईएन हथिनीकुंड बैराज, पशुपालन विभाग और क्वालिटी मार्केट शामिल हैं। वित्तीय वर्ष में अब तक नगर निगम केवल 14 करोड़ 50 लाख रुपये की रिकवरी कर पाया है। सरकारी विभागों की इस लापरवाही का खामियाजा शहर के विकास कार्यो और निगम कर्मचारियों पर पड़ रहा है।

निगम अधिकारियों के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स के इन्हीं रुपयों से कर्मचारियों का वेतन दिया जाता है। इसके अलावा शहर का विकास भी इसी पर आधारित होता है। टैक्स वसूली नहीं होने के कारण सभी को दिक्कत हो रही है। कर्मचारियों का कहना है कि ये स्थिति उन लोगों की है जो समय-समय पर लोगों को टैक्स जमा कराने के लिए जागरूक करते आए हैं। एसपी-डीसी ऑफिस के अलावा आयकर विभाग भी इसी श्रेणी में है। जब इस बारे में जानकारी लेने के लिए डीसी आमना तस्नीम से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। गंभीर विषय, सीएम से करेंगे बात : मेयर

इस बारे में मेयर मदन चौहान का कहना है कि प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं होने से निगम पिछड़ रहा है। ये गंभीर विषय है। इस बारे में अधिकारियों से बात करेंगे। जरूरत पड़ी तो मामला सीएम के संज्ञान में भी लाया जाएगा। अब तक 14 करोड़ 53 लाख रिकवर

अप्रैल-18 से फरवरी-19 तक निगम को कुल 14 करोड़ 53 लाख रुपये की रिकवरी हुई है। ब्याज में छूट दिए जाने के बावजूद रिकवरी का आंकड़ा लक्ष्य से दूर है। इस वर्ष नगर निगम ने 50 करोड़ की रिकवरी का लक्ष्य रखा था। वर्ष-2015-16 में 60 करोड़ रुपये लक्ष्य था, जबकि 7,56,78,383 रुपये ही वसूली हो पाई है। इसी प्रकार 2016-17 में 70 करोड़ रुपये लक्ष्य था। वसूली करीब 17,42,31,306 रुपये ही हो पाई है। वर्ष 2017-18 में 43 करोड़ के लक्ष्य पर केवल 8,13,04,680 रुपये की वसूले गए। निगम के नोटिस भी बेअसर

सरकारी विभाग ही सरकार के पैसे पर कुंडली मारे बैठे हैं। कई कई वर्ष से नगर निगम की ओर से बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद प्रॉपर्टी टैक्स अदा नहीं किया। कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए पैसा नहीं है। निगम के उच्चाधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं। उनका कहना है कि यदि प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी नियमित रूप से होती रहे तो ऐसी स्थिति पैदा नहीं होती।

तीन विभागों से आया इतना टैक्स

निगम से मिली जानकारी के मुताबिक एक्सईएन हथिनीकुंड बैराज कार्यालय से 22 लाख 70 हजार रुपये, पशु पालन विभाग से सात लाख 90 हजार रुपये और क्वालिटी मार्केट कार्यालय की ओर से चार लाख रुपये जमा कराए गए। इन विभागों ने नहीं कराया टैक्स जमा

डीसी ऑफिस : 14,54,900

एसपी ऑफिस : 1,44,00,206

संपदा विभाग : 4,00,133

आयकर विभाग : 1,20,600

बीडीपीओ 2,59,954

जल सेवाएं मंडल : 22,87,822

कृषि विभाग : 2,96,422

पीडब्ल्यूडी : 45,11,346

उपभोक्ता फोरम : 8,58,133

बीडीपीओ, जगाधरी : 9,92,548

केंद्रीय भंडारण निगम : 10,55,127

रेडक्रास सोसाइटी : 13,386

सचिव मार्केट कमेटी : 1,63,51,108 निजी संस्थानों पर भी बकाया

निजी संस्थानों करीब 50 करोड़ रुपये बकाया है, उनको भी नोटिस दिया जा चुका है। बकायादारों में, व्यावसायिक भवन मालिक, निजी अस्पताल, मॉल, शिक्षण संस्थान और धार्मिक संस्थाएं भी शामिल हैं। हरियाणा सरकार की अधिसूचना के अनुसार लंबित संपत्ति कर के बकाया पर एक मुश्त जमा कराने पर वर्ष 2010-11 से वर्ष 2017-18 तक ब्याज की पूर्ण छूट 28 फरवरी तक दी गई थी। लंबित संपत्ति कर जमा नहीं करने की स्थिति में नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 95, 113 और 130 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है।

विपिन गुप्ता, जोन टैक्सेशन ऑफिसर, नगर निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.