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ओलावृष्टि के जख्मों पर मरहम के लिए सरकार से मांगे 18.19 करोड़

ओलावृष्टि के जख्मों पर जल्द ही मुआवजे का मरहम लगेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 01:12 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 01:12 AM (IST)
ओलावृष्टि के जख्मों पर मरहम के लिए सरकार से मांगे 18.19 करोड़
ओलावृष्टि के जख्मों पर मरहम के लिए सरकार से मांगे 18.19 करोड़

संजीव कांबोज, यमुनानगर : ओलावृष्टि के जख्मों पर जल्द ही मुआवजे का मरहम लगेगा। स्पेशल गिरदावरी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने नुकसान का आंकलन रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। बिलासपुर, छछरौली और साढौरा एरिया के 7519 एकड़ में भारी नुकसान के लिए 18 करोड़ 19 लाख रुपये की डिमांड भेजी है। सबसे अधिक नुकसान बिलासपुर एरिया में हुआ था। 10 मिनट की ओलावृष्टि ने फसलों को तबाह कर दिया था। चुनाव आचार संहिता लगी होने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों ने चुनाव आयोग से स्पेशल गिरदावरी की मांग की थी। इसमें गैर बीमित किसान भी शामिल

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ओलावृष्टि, जलभराव और भूस्खलन कारण नुकसान की स्थिति में प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। लोनी किसानों की फसल का बीमा होता है। प्रीमियम राशि बैंक की ओर से किसान के खाते से काट ली जाती है। इस बार खास बात यह रहेगी कि केवल बीमित किसान ही नहीं बल्कि उन किसानों को भी मुआवजा मिलेगा, जिन्होंने अपनी फसल का बीमा नहीं कराया। किस ब्लॉक में कितने एकड़

बिलासपुर : 6018 एकड़

छछरौली : 338 एकड़

साढौरा : 1163 एकड़ सीएम ने लिया था संज्ञान

आठ अप्रैल को जिले में हुई भयंकर ओलावृष्टि गेहूं, गन्ना, सब्जियां और दलहन की फसलें तबाह हो गई थीं। कहीं 100 तो कहीं 60 प्रतिशत नुकसान हुआ है। इस पर सीएम मनोहर लाल ने स्वयं संज्ञान लिया। सीएम की कॉल के बाद जिला उपायुक्त आमना तस्नीम ने देर शाम ही अधिकारियों की बैठक ली और जल्द नुकसान की रिपोर्ट प्रेषित करने की बात कही। विधानसभा स्पीकर कंवर पाल ने भी खेतों में जाकर नुकसान का जायजा लिया था। यह भी जानिए

वर्ष 2018-19 में धान के सीजन में कुल 17770 बीमित किसान थे। इनमें से 1594 किसानों को मुआवजा मिला। जबकि सीजन में रिकार्ड ओलावृष्टि हुई। कई खेतों के हालात ये थे कि कटाई के बजाय प्रभावित फसल की जुताई करना मुनासिब समझा। वर्ष 2017-18 में धान के सीजन में 24340 बीमित किसान थे, जबकि 1742 किसानों तक मुआवजा पहुंचा। इसी वर्ष गेहूं के सीजन में 17109 बीमित किसान थे। इनमें से 999 किसानों को मुआवजा मिला। गेहूं के मौजूदा सीजन की बात की जाए तो 16239 बीमित किसान हैं। व्यवस्था पर उठ चुकीं अंगुलियां

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर अंगुलियां भी उठ चुकी हैं। आरोप है कि इस योजना को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। जब मुआवजा देने की बात आती है तो बीमा कंपनी हाथ पीछे खींच लेती है। पहली बात को नुकसान की गिरदावरी ही सही तरीके से नहीं होती। इसमें पक्षपात होता है। कर्मचारी किसी मौजिज व्यक्ति की बैठक में बैठकर ही गिरदावरी निपटा देते हैं। धान के सीजन में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिन्होंने इस बारे सीएम विडो को शिकायत दी जा चुकी है। किसानों को जल्द मिले मुआवजा

ओलावृष्टि के कारण जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उन सभी को मुआवजा दिया जाना चाहिए, क्योंकि धान के सीजन में भी किसान भारी नुकसान उठा चुके हैं। किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। पीड़ित किसानों को कम से कम 35 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की औपचारिकता न हो।

रामबीर सिंह चौहान, प्रदेश मंत्री, भाकिसं। रिपोर्ट तैयार कर भेज दी

बिलासपुर, साढौरा और छछरौली एरिया में हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। 18 करोड़ 19 लाख रुपये की डिमांड भेजी है। पीड़ित किसानों के खेतों में जाकर नुकसान का जायजा लिया। जिला उपायुक्त आमना तस्नीम ने स्वयं खेतों का दौरा कर चुकी हैं। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है।

गिरीश कुमार, तहसीलदार, बिलासपुर ओलावृष्टि के कारण किसानों को काफी नुकसान हो चुका है। बीमित के साथ-साथ गैर बीमित किसानों को भी मुआवजा दिए जाने की योजना है। स्पेशल गिरदावारी के लिए हमने चुनाव आयोग से मंजूरी ली थी। अब मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हमारा प्रयास है कि पीड़ित किसानों को जल्द मुआवजा मिले।

आमना तस्नीम, डीसी, यमुनानगर।


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