फीस वृद्धि के विरोध में स्कूल के बाहर बैठे अभिभावक
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मासिक और दाखिला फीस में की गई वृद्धि के विरोध में अभिभावक जगाधरी के सेंट
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मासिक और दाखिला फीस में की गई वृद्धि के विरोध में अभिभावक जगाधरी के सेंट थॉमस स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। अभिभावकों ने स्कूल गेट के बाहर टैंट लगाया और मांगें न मानने तक वहां से उठने से मना कर दिया है। सोमवार को स्कूल की तरफ से कोई भी उनसे बातचीत करने की काई पहल नहीं की गई है। परिजनों का कहना है कि स्कूल प्रबंधकों को अपनी मनमानी नहीं करने दी जाएगी।
अभिभावक संदीप दुआ, चंद्रमणि, मुकेश दाबड़ा, चरणजीत ¨सह, गुरप्रीत ¨सह, संजीव सैनी, संजीव कुमार, अमित कुमार आदि ने बताया कि सेंट थॉमस स्कूल मैनेजमेंट की मनमानी बढ़ती ही जा रही है। वे कई सालों से इसे सहन कर रहे हैं, लेकिन अब ओर सहन नहीं होता। क्योंकि स्कूल ने फीस में काफी वृद्धि कर दी है। इतनी लोगों की आमदनी नहीं बढ़ी जितनी स्कूल ने फीस बढ़ा दी है। स्कूल फीस बढ़ाने से पहले एक बार भी अभिभावकों से पूछा तक नहीं। उनका आरोप है कि एक तरफ मैनेजमेंट स्कूल को अल्पसंख्यक श्रेणी का बताता है तो दूसरी और एक बच्चे की फीस हर माह पांच-छह हजार रुपये ली जा रही है, जबकि नियमानुसार स्कूल की फीस एक हजार से 15 सौ रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अभिभावकों का कहना है कि मासिक फीस के अलावा बच्चों से बिजली का बिल भी लिया जा रहा है। जबकि स्कूल में जनरेटर की पर्याप्त सुविधा भी नहीं है। बिजली जाते ही कमरों में लगे पंखे बंद हो जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे गर्मी से तरबतर रहते हैं। इसके अलावा उनसे कंप्यूटर फीस, साइंस फंड, परीक्षा फीस भी ली जा रही है जो कि गलत है।
उन्होंने कहा कि अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ आरटीआई लगाई है जिसमें पता चला है कि स्कूल के खाते में एक करोड़ रुपये से ज्यादा एडवांस में जमा है। यदि स्कूल के पास पहले से रुपये जमा हैं तो फीस बढ़ाने का कोई औचित्य ही नहीं है। आरटीआई से ये भी पता चला है कि बच्चों से जो फीस ली गई उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। 54 लाख रुपये से अधिक वेतन तो मैनेजमेंट द्वारा लिया जा रहा है। धरने के दौरान अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने मांग की बढ़ी हुई फीस वापस ली जाए। जो एडवांस रुपये स्कूल के खाते में जमा है उसे अभिभावकों में बराबर बांटा जाए। वहीं, ये भी कहा कि जब तक स्कूल उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता तब तक वे यहां से नहीं उठेंगे। हर दिया सुबह से लेकर शाम तक धरना दिया जाएगा।