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ओलंपिक टला पर पहलवानों के हौसले बुलंद, पदक जीतना ही लक्ष्य

कोरोना महामारी का संक्रमण रोकने के लिए सभी बड़ी खेल प्रतियोगिताएं रद कर दी गई थीं। इसी दौरान टोक्यो ओलंपिक के रद हो जाने के बाद भी भारतीय पहलवानों के हौसले बुलंद हैं उनकी तैयारी में कोई कमी नहीं आई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 09:20 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:12 AM (IST)
ओलंपिक टला पर पहलवानों के हौसले बुलंद, पदक जीतना ही लक्ष्य
ओलंपिक टला पर पहलवानों के हौसले बुलंद, पदक जीतना ही लक्ष्य

नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत

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कोरोना महामारी का संक्रमण रोकने के लिए सभी बड़ी खेल प्रतियोगिताएं रद कर दी गई थीं। इसी दौरान टोक्यो ओलंपिक के रद हो जाने के बाद भी भारतीय पहलवानों के हौसले बुलंद हैं, उनकी तैयारी में कोई कमी नहीं आई है। जिम, अखाड़े, कैंप, अकादमी और साई के केंद्र बंद हो जाने के कारण ओलंपिक की तैयारी कर रहे सोनीपत के पहलवान अपने घर पर ही कई-कई घंटे वर्कआउट कर पसीना बहा रहे हैं। ओलंपिक की तैयारी कर रही विनेश फौगाट, सरिता मोर और सोनम मलिक का कहना है कि अगर आज ओलंपिक हो जाए तो देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर वे तिरंगा फहराएंगी। बेंगलुरु में अभ्यास कर रहे बजरंग पूनिया :

ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया आजकल बेंगलुरु में हैं। बजरंग ने बताया कि लॉकडाउन के कारण ओलंपिक भले ही आगे खिसक गया हो लेकिन उनकी तैयारी में कोई कमी नहीं है। बजरंग पूनिया रोजाना सुबह-शाम पांच घंटे जमकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। वे मैट पर वर्कआउट कर जमकर पसीना बहाकर खुद को फिट रख रहे हैं। बजरंग ने कहा कि उनका ध्यान सिर्फ ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर है। सुनील ने घर को ही बनाया पर्सनल जिम :

सीनियर एशियन रेसलिग चैंपियनशिप-2020 के 87 किलो भारवर्ग (ग्रीको रोमन) में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाले गन्नौर क्षेत्र के गांव डबरपुर निवासी पहलवान सुनील मलिक लॉकडाउन के दौरान अपने घर पर ही तैयारी कर रहे हैं। सुनील मलिक ने गोल्ड जीतकर ग्रीको रोमन श्रेणी में 27 साल के पदक के इंतजार को खत्म किया था। सुनील अपने घर की छत पर पर्सनल जिम बनाकर रोजाना घंटों वर्कआउट कर रहे हैं। सुनील ने बताया कि उनका सपना ओलंपिक में देश को गोल्ड मेडल दिलाना है। ओलंपिक में गोल्ड जीतना विनेश फौगाट का लक्ष्य :

ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं पहलवान विनेश फौगाट खरखौदा निवासी कोच ओमप्रकाश दहिया की देखरेख में अकेली वर्कआउट कर रही हैं। रोजाना चार घंटे प्रैक्टिस कर विनेश खुद को ओलंपिक के लिए तैयार रख रही हैं। विनेश ने बताया कि उनका लक्ष्य सिर्फ ओलंपिक के स्वर्ण पदक पर है, इसके लिए वे जीतोड़ मेहनत कर रही हैं। ओलंपिक में तिरंगा फहराने की खुशी को शब्दों बयां नहीं किया जा सकता। दिन में दो बार अखाड़ा खोदकर समतल करतीं हैं सरिता :

सीनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में अपनी विरोधी पहलवान को एकतरफा मुकाबले में हराकर गोल्ड मेडल जीतने वाली बरोदा निवासी पहलवान सरिता मोर रोजाना सुबह-शाम अखाड़ा खोदकर उसे समतल करती हैं। इससे सरिता का अच्छा वर्कआउट हो जाता है। अपने पति व कोच राहुल मान के साथ वर्कआउट, प्रैक्टिस, रनिग कर सरिता अपने आपको फिट रख रही हैं। सरिता ने बताया कि उनका लक्ष्य सिर्फ देश का नाम रोशन करना है। सोनम मलिक ने खेत में ही बना लिया अखाड़ा :

ट्रायल में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक को हराकर उलटफेर करने वाली गोहाना निवासी पहलवान सोनम मलिक लॉकडाउन के दौरान करीब पांच घंटे रोजाना वर्कआउट कर रही हैं। अकादमी बंद होने के कारण आजकल वे अपने खेत में बने अखाड़े में प्रैक्टिस करती हैं। कसरत और दौड़ के अलावा अन्य विधियों से पसीना बहाकर वे खुद को फिट रख रही हैं। सोनम ने बताया कि ओलंपिक कभी भी हो उनकी तैयारी पूरी है। महिला पहलवानों को ऑनलाइन कोचिग दे रहे कुलदीप मलिक :

लॉकडाउन के दौरान में सब बंद होने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण की ओर से मोबाइल एप पर देशभर के पहलवानों को ऑनलाइन कुश्ती के दांव सिखा रहे हैं। रोजाना शाम को पांच बजे ऑनलाइन लगने वाली कक्षा में साई के चीफ कोच कुलदीप मलिक हर आयु वर्ग के पहलवानों को कुश्ती की बारीकियां सिखाते हैं। कुलदीप सिंह मलिक ने बताया कि देशभर और कई बार तो विदेशी पहलवान भी उनकी क्लास में जुड़कर कुश्ती संबंधी नई तकनीक के बारे में पूछते हैं।


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