Move to Jagran APP

नागरिक अस्पताल में शुरू हुआ लकवा के मरीजों का इलाज

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें लकवा के मरीजों का इलाज कराने के लिए दिल्ली समेत अन्य बड़े अस्पतालों में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मरीजों का इलाज अब जिला नागरिक अस्पताल में ही होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 06:15 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 06:15 PM (IST)
नागरिक अस्पताल में शुरू हुआ लकवा के मरीजों का इलाज
नागरिक अस्पताल में शुरू हुआ लकवा के मरीजों का इलाज

जागरण संवाददाता, सोनीपत : स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें लकवा के मरीजों का इलाज कराने के लिए दिल्ली समेत अन्य बड़े अस्पतालों में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मरीजों का इलाज अब जिला नागरिक अस्पताल में ही होगा। अस्पताल में सोमवार को लकवा के इलाज की सुविधा एक बुजुर्ग महिला मरीज को टीका लगाकर शुरू की गई। चिकित्सकों के अनुसार प्रदेश में पहली बार सोनीपत यह सुविधा शुरू हुई है।

prime article banner

गैर संचारी रोग के जिला नोडल अधिकारी डा. तरुण यादव ने बताया कि सिर में खून जमा होने के कारण व्यक्ति को लकवा हो जाता है। इससे पीड़ित मरीज का इलाज कराने के लिए स्वजन को दिल्ली समेत अन्य बड़े अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते हैं। यही नहीं देरी होने पर मरीज की मौत तक हो जाती है और स्वजन को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जिले में इसके इलाज की सुविधा अभी तक नहीं थी, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही थी। अब यह सुविधा शुरू हो गई है। सोमवार को चिकित्सकों की टीम ने शहर की रहने वाली 68 वर्षीय बिमला को टीका लगाया, जिनकी हालत में अब सुधार है। मुफ्त में लगा 50 हजार रुपये का इंजेक्शन

जिला नोडल अधिकारी डा. तरुण यादव ने बताया कि सुबह नौ बजे बुजुर्ग महिला की तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें करीब सवा 10 बजे नागरिक अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में लाया गया। यहां उनका सीटी स्कैन किया तो उन्हें खून का जमाव होने के कारण लकवा की शिकायत मिली। इस पर उन्हें एक्टीलाइज नामक टीका लगाया गया, जो करीब 50 हजार रुपये का है। यह टीका मरीज को मुफ्त में लगाया है। अब इस बीमारी से संबंधित मरीज को लकवा के इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह टीका उन मरीजों के इलाज में संभव है, जिनके दिमाग में खून जमने के कारण लकवा हुआ हो और 4-6 घंटे में मरीज का इलाज शुरू हो सके। टीम में डा. शैलेंद्र राणा व अन्य चिकित्सक भी शामिल रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.