फिर बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले, मास्क व शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन
दिल्ली-एनसीआर में फिर से कोरोना विस्फोट जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। एक ओर जहां पुलिस प्रशासन के किसानों के आंदोलन में लगने के कारण कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता व कार्रवाई बीच में रुक गई है वहीं धरनास्थल पर हजारों की मौजूदगी के बावजूद किसान मास्क व शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं।
डीपी आर्य, सोनीपत
दिल्ली-एनसीआर में फिर से कोरोना विस्फोट जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। एक ओर जहां पुलिस प्रशासन के किसानों के आंदोलन में लगने के कारण कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता व कार्रवाई बीच में रुक गई है, वहीं धरनास्थल पर हजारों की मौजूदगी के बावजूद किसान मास्क व शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। इससे संक्रमण भी शुरू हो गया है। किसानों के साथ ही पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने का भी खतरा बना हुआ है।
कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। ज्यादा संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। सर्दी और प्रदूषण बढ़ने के चलते विशेषज्ञ भी चितित हैं। ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचाव को गंभीरता से लेने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन भी कोरोना से बचाव के नियमों का कड़ाई से पालन कराने में जुटा था। इसके तहत मास्क न लगाने वालों और शारीरिक दूरी का पालन न करने वालों पर कार्रवाई की जा रही थी। दिल्ली से आवागमन करने वालों की निगरानी हो रही थी और शादी-पार्टी में लोगों की संख्या 200 से कम करके 50 कर दी गई थी। रोजाना कई सौ लोगों के मास्क न लगाने पर चालान किए जा रहे थे।
पुलिस-प्रशासन के जागरूकता और कार्रवाई के अभियान को किसानों के आंदोलन ने जोर का झटका दिया है। जिलेभर के अधिकारी किसानों के आंदोलन की ड्यूटी में लगे हैं। इसका सीधा प्रभाव कोरोना से बचाव के अभियान पर पड़ रहा है। मास्क न लगाने वालों पर कार्रवाई की संख्या 330 से कम होकर 13 पर सिमट गई है। ऐसे में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं और जमकर भीड़भाड़ हो रही है।
इसके साथ ही किसानों के आंदोलन में भी हजारों की भीड़ है। ये शारीरिक दूरी और मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। नारे लगाने के दौरान संक्रमितों की ड्रापलेट्स भीड़ में फैलने की आशंका बनी हुई है। किसानों की इस भीड़ का आवागमन हरियाणा के साथ ही दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार हो रहा है। इससे संक्रमण का फैलाव होने का भी खतरा बना हुआ है। भीड़भाड़ के चलते किसान न तो खुद सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं और न ही प्रशासनिक स्तर पर कोई व्यवस्था बन पा रही है। पुलिस-प्रशासन की ओर से किसानों को संक्रमण से बचाव के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। उसके बावजूद कोई आदेशों का पालन करने को तैयार नहीं है। ऐसे में लोगों को कोरोना संक्रमण के दूरगामी भयावह परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
किसानों के आंदोलन में हजारों की भीड़ है। हम संक्रमण से बचाव का लगातार एलान करा रहे हैं। मास्क और सैनिटाइजर का वितरण भी कराया गया है। उसके बावजूद भीड़ में संक्रमण से बचाव संभव नहीं है। जिले में व्यवस्था संभालने वाली अधिकारियों की टीम भी आंदोलन स्थल पर तैनात है। लोगों को समझदारी दिखाने और संक्रमण से खुद बचने-दूसरों को बचाने की जरूरत है। लापरवाही भयावह हो सकती है।
- वीरेंद्र सिंह, डीएसपी, मुख्यालय व कुंडली।