Move to Jagran APP

लकड़ियों से भरे ट्रक बार्डर पर पहुंचे

कंपकंपाती सर्दी में बुजुर्गों के देखभाल की जिम्मेदारी अब युवाओं ने उठा ली है। युवा न केवल बुजुर्गों को दवाओं समेत जरूरी सामान मुहैया करवा रहे हैं बल्कि धूप में बैठाकर उनकी मालिश भी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 07:48 PM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 07:48 PM (IST)
लकड़ियों से भरे ट्रक बार्डर पर पहुंचे
लकड़ियों से भरे ट्रक बार्डर पर पहुंचे

जागरण संवाददाता, सोनीपत : कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बार्डर पर किसानों के धरने में अब ठंड का असर दिखने लगा है। सुबह और शाम के वक्त ठंड ज्यादा होने के कारण अब मुख्य मंच के सामने अपेक्षाकृत कम किसान बैठते हैं। इस आंदोलन में शामिल बुजुर्ग किसानों को ठंड से बचाकर रखना भी विभिन्न जत्थेदारों के लिए चुनौती बनी हुई है। सुबह के वक्त अधिकांश किसान ठंड से बचने के लिए अपनी ट्रैक्टर-ट्रालियों में ही दुबके रहते हैं, जबकि युवाओं का जत्था उनके पास जरूरत का सामान पहुंचा रहा है।

prime article banner

कुंडली बार्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच किसान अपने इंतजामों को दुरूस्त करने में भी लगे हुए हैं। रविवार को पंजाब से कुंडली बार्डर के धरनास्थल पर लकड़ियों से भरे ट्रक पहुंचे। किसान इन लकड़ियों को न सिर्फ खाना बनाने के उपयोग कर रहे हैं, बल्कि इससे जगह-जगह अलाव भी जलाए जा रहे हैं। कंपकंपाती सर्दी में बुजुर्गों के देखभाल की जिम्मेदारी अब युवाओं ने उठा ली है। युवा न केवल बुजुर्गों को दवाओं समेत जरूरी सामान मुहैया करवा रहे हैं बल्कि धूप में बैठाकर उनकी मालिश भी कर रहे हैं। यहां अलग-अलग टोलियों में युवा अलग-अलग जत्थों में पहुंच रहे हैं और बुजुर्गों से उनकी समस्या जान रहे हैं। धरना में शामिल विभिन्न जत्थेबंदियों ने इसके लिए युवाओं की टीम तैयार की है। युवा अमरीक सिंह, हरजिद्र सिंह ने बताया कि उनकी हर टीम में एक दर्जन से ज्यादा युवा शामिल हैं। वे बुजुर्गों की सेवा करते हैं और उनके लिए जरूरत का सामान उपलब्ध कराते हैं। ज्यादा दिक्कत होने पर बुजुर्गों को घर भी भेजा जा रहा है।

दिल्ली से पहुंचा साइकिल जत्था, बोले :

किसानों को समर्थन देने के लिए रोजाना लोग धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। रविवार को दिल्ली से युवाओं का एक साइकिल जत्था कुंडली बार्डर पर पहुंचा और किसानों के हक में प्रदर्शन किया। जत्थे में महिलाएं भी शामिल थीं। युवाओं ने कहा कि वे किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए तीन कृषि कानूनों के विरोध में साइकिलों पर सवार होकर करीब 35 किलोमीटर का रास्ता तय करते हुए यहां पहुंचे हैं। वे चाहते हैं कि किसानों की तुरंत सुनवाई हो, जिससे उन्हें असहनीय ठंड के बीच खुले में बैठने को मजबूर न होना पड़े।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.