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सर्दी में ठिठुरते लोगों को चाय पिला रहे शिवालय के पुजारी

सर्दी से कंपकंपाते लोगों को शिवालय के पुजारी गर्मागर्म चाय पिलाते हैं और साथ में हल्का नाश्ता भी देते हैं। वह अक्टूबर से लगातार अपने चाय-नाश्ते के अभियान को चला रहे हैं। मंदिर में आने वाले दान से उनका यह मिशन आगे बढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 04:54 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 04:54 PM (IST)
सर्दी में ठिठुरते लोगों को चाय पिला रहे शिवालय के पुजारी
सर्दी में ठिठुरते लोगों को चाय पिला रहे शिवालय के पुजारी

डीपी आर्य, सोनीपत

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सर्दी से कंपकंपाते लोगों को शिवालय के पुजारी गर्मागर्म चाय पिलाते हैं और साथ में हल्का नाश्ता भी देते हैं। वह अक्टूबर से लगातार अपने चाय-नाश्ते के अभियान को चला रहे हैं। मंदिर में आने वाले दान से उनका यह मिशन आगे बढ़ रहा है। सुबह बेसहारा व गरीब लोगों को चाय के लिए परेशान होता देख, उन्होंने चाय पिलाना शुरू किया था। वह अपने हाथ से चाय बनाते हैं और लोगों को प्रेम से पिलाते हैं। शहरभर में उनके कार्य की सराहना हो रही है।

सर्दी में जटवाड़ा के शिवालय के सामने से कोई निकले और पुजारी अजय शास्त्री उसको चाय के लिए आवाज न दें, ऐसा हो नहीं सकता। उनके चाय अभियान के पीछे दिलचस्प कहानी है। उनके पास अक्टूबर में एक बेसहारा व्यक्ति आया और चाय पीने के लिए दस रुपये मांगने लगा। उसको तेज बुखार था और सर्दी से कांप रहा था। इसी दौरान पड़ोस के घर से पुजारी ने चाय भिजवाई। उन्होंने उस बीमार व्यक्ति को चाय पिलाई तो थोड़ी देर में उसको सर्दी व बुखार से आराम मिल गया। उस बेसहारा व्यक्ति ने बताया कि वह एक घंटे से चाय के लिए भटक रहा था। चाय वाले ने भी सुबह-सुबह बिना रुपये चाय पिलाने से इन्कार कर दिया था। रोजाना डेढ़ सौ लोगों को दे रहे चाय-नाश्ता

पंडित अजय शास्त्री ने बताया कि उस दिन ध्यान दिया तो ऐसे दर्जनों लोग थे, जिनको सुबह चाय की जरूरत होती थी, लेकिन कहीं पर व्यवस्था नहीं थी। इसके चलते उन्होंने मंदिर में ही चाय की व्यवस्था कर ली। सुबह को आरती के बाद वह मंदिर में ही चाय बनाते हैं, फिर बड़ी केतली में भरकर मंदिर के बाहर सड़क पर बैठ जाते हैं। वहां से होकर निकलने वालों को चाय और नाश्ता उपलब्ध कराते हैं। वह सुबह छह बजे से चाय पिलाना शुरू करते हैं और आठ बजे तक वहीं पर रहते हैं। वहां पर रोजाना करीब डेढ़ सौ लोगों को चाय-नाश्ता करते हैं। अब आसपास के कई लोग नाश्ते का सामान, चाय की पत्ती, दूध और चीनी आदि का सहयोग भी करने लगे हैं।

भगवान के घर के सामने कोई सर्दी में कांपते नहीं गुजरना चाहिए। ईश्वर का प्रसाद समझकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। अब लोगों का सहयोग मिल रहा है। चाय में खुद बनाता हूं। सर्दी में गर्मागर्म चाय पीते लोगों को देखकर आनंद का अनुभव होता है। हमारा प्रयास शहर में अन्य कुछ स्थानों पर भी ऐसा ही अभियान शुरू करने का है।

- पं. अजय शास्त्री , पुजारी, शिवालय जटवाड़ा


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