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पांच युद्ध आपरेशन में भाग लेकर देश को विजय दिलाई, अब माडर्न एनसीसी की अलख जगाई

देश के लिए पांच युद्ध लड़ने वाले देशभक्त एक टांग गंवाकर भी हौसलों की उड़ान पर सवार हैं। वे कृत्रिम पैर से देश के युवाओं में मातृभूमि की सेवा का जज्बा भर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 07:53 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 07:53 PM (IST)
पांच युद्ध आपरेशन में भाग लेकर देश को विजय दिलाई, अब माडर्न एनसीसी की अलख जगाई
पांच युद्ध आपरेशन में भाग लेकर देश को विजय दिलाई, अब माडर्न एनसीसी की अलख जगाई

डीपी आर्य, सोनीपत

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देश के लिए पांच युद्ध लड़ने वाले देशभक्त एक पैर गंवाकर भी हौसलों की उड़ान पर सवार हैं। वे कृत्रिम पैर से देश के युवाओं में मातृभूमि की सेवा का जज्बा भर रहे हैं। माडर्न एनसीसी के फादर कहलाने वाले कर्नल अशोक मोर के नाम उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है। मोतीलाल नेहरू स्पो‌र्ट्स स्कूल, राई के निदेशक और प्राचार्य अशोक मोर की प्रेरणा से एक हजार से ज्यादा युवा सेना में सेवा दे रहे हैं और 16.50 लाख छात्र माडर्न एनसीसी में शिक्षा ले रहे हैं। एनसीसी के सिलेबस में अशोक चक्र विजेता प्रताप सिंह को शामिल कराना हो या तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्षों, रक्षा सचिव और शहीद सीडीएस विपिन रावत से मिलकर सैनिकों के हितार्थ महत्वपूर्ण सुधार कराने वाले कर्नल मोर का अब पूरा ध्यान युवाओं को एनसीसी के माध्यम से देश सेवा का पाठ पढ़ाने पर है। बने द फादर आफ माडर्न एनसीसी :

2012 तक एनसीसी कालेजों में शैक्षिक विषय के रूप में नहीं था। तब छात्र स्वेच्छा से कालेज के बाद इसका प्रशिक्षण लेते थे। कर्नल अशोक मोर ने इसके लिए पहली आवाज उठाई। वे रक्षा सचिव और शिक्षा सचिव को लगातार पत्राचार करते रहे। उसके बाद 2016 में प्रधानमंत्री को सुझाव भेजा। तब जाकर यूजीसी ने इसको अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया। उसके बाद से छात्र अपने पांच विषयों में एनसीसी को लेने लगे। इसके बावजूद कई राज्यों ने इसको लागू नहीं किया। कर्नल मोर ने उसके बाद राज्यों के शिक्षा सचिवों से मुलाकात का अभियान शुरू किया और मुख्यमंत्रियों को अपना सुझाव भेजा। उन्होंने डीजी से मुलाकात की, तब उत्तर प्रदेश, हरियाण, पंजाब, राजस्थान, गुजरात सहित 24 राज्यों ने इसको लागू कर दिया है। सबसे ज्यादा छात्र स्पो‌र्ट्स स्कूल में :

अब देश में 16.50 लाख छात्र एनसीसी का प्रशिक्षण ले रहे हैं। प्रत्येक कालेज में एनसीसी के लिए सीटों का निर्धारण कर दिया गया है। सबसे ज्यादा एनसीसी की सीट स्पो‌र्ट्स स्कूल, राई में हैं। कर्नल अशोक मोर ने यहां पर 374 सीटें स्वीकृत कराईं हैं। वे खुद इसी स्कूल से पढ़े हैं और अब यहां के निदेशक सह प्राचार्य हैं। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण देकर एक हजार से ज्यादा युवाओं को सेना में सेवा देने योग्य बना दिया। यह है लक्ष्य :

कर्नल अशोक मोर प्रत्येक विद्यार्थी को एनसीसी का प्रशिक्षण अनिवार्य कराने को प्रयासरत हैं। वे इसके लिए लगातार सेना, रक्षा, शिक्षा और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के संपर्क में हैं। उनका मानना है कि एनसीसी का मौलिक प्रशिक्षण दिए जाने से युवा देशप्रेम से ओतप्रोत होंगे और आपात स्थिति में सेना को अर्ध-प्रशिक्षित युवा भी मिल सकेंगे। इन आपरेशन में लिया भाग:

- आपरेशन रक्षक - 1994-96

- आपरेशन विजय (कारगिल) - 1999

- आपरेशन पराक्रम - 2002 - एक ब्लास्ट में अपनी बाएं टांग का निचला हिस्सा खोया।

- आपरेशन भूटान - 2003

- आपरेशन राइनो - 2010-12 यहां पर दिया विशेष योगदान :

- कमांडेंट - 3-आर्मी सर्विस यूनिट

- कमांडेंट - 2-एनसीसी बटालियन

- एडमिनिस्ट्रेशन अफसर- एनसीसी ग‌र्ल्स आइआइटी कानपुर (2019 में 60 साल में पहली बार इस पद पर नियुक्ति हुई)

- सेना में दिव्यांग होने पर 27 प्रतिशत लाभ लेने का नियम देश में 1996 में बना, लेकिन कोई इसका लाभ नहीं ले सका। 2015 में अपनी जागरूकता के बल पर इसका लाभ लेने वाले वह पहले सैनिक बने। तब से डेढ़ हजार से ज्यादा सैनिक इसका लाभ ले चुके हैं।


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