नकल रहित प्री-बोर्ड से बोर्ड परिणाम सुधारने की जुगत में शिक्षा विभाग
जागरण संवाददाता, सोनीपत अक्सर देखने में आता है कि अपने ही स्कूल में आयोजित होने वाली प्री-बोर्ड परीक्षा में बच्चे नकल कर पास हो जाते हैं। मगर जब अलग-अलग सेंटरों में 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं होती हैं तो प्री-बोर्ड अच्छे नंबरों से पास करने वाले विद्यार्थी भी इनमें पिछड़ जाते हैं।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : अकसर देखने में आता है कि अपने ही स्कूल में होने वाली प्री-बोर्ड परीक्षा में बच्चे नकल कर पास हो जाते हैं। मगर जब अलग-अलग सेंटरों में 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं होती हैं तो प्री-बोर्ड अच्छे नंबरों से पास करने वाले विद्यार्थी भी इनमें पिछड़ जाते हैं। इसलिए शिक्षा विभाग प्री-बोर्ड परीक्षा में ही सख्ती बरतने के मूड में है। इसकी झलक बुधवार से शुरू हुई प्री-बोर्ड परीक्षाओं में देखने को भी मिली।
राजकीय स्कूलों में नकलरहित परीक्षा आयोजित करने के लिए बच्चों को पर्याप्त दूरी पर बैठाया गया और जहां कक्षा में जगह कम पड़ी तो कुछ विद्यार्थियों को बरामदे के साथ ही खुले मैदान में टाट-दरी बिछाकर परीक्षा दिलाई गई। बुधवार को 10वीं व 12वीं के विद्यार्थी जहां प्री-बोर्ड परीक्षा में बैठे, वहीं सभी राजकीय स्कूलों में पहली कक्षा से नौवीं व 11वीं के विद्यार्थियों के लिए सेट (स्कूल असेस्मेंट टेस्ट) आयोजित हुए। दो सप्ताह बाद राज्य स्तर पर होने वाली सक्षम परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए स्कूल असेस्मेंट टेस्ट की अहमियत भी बढ़ गई है। शिक्षा के हब सोनीपत का परिणाम सुधारना होगी चुनौती
प्रदेश स्तर पर शिक्षा का हब कहलाने वाले जिले सोनीपत में पिछले दो से तीन वर्षों के दौरान 10वीं और 12वीं कक्षा का परिणाम स्तर गिर रहा है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष हुई हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में दसवीं कक्षा में सोनीपत पांचवें स्थान पर रहा। इस बार छात्र-छात्राओं का पास प्रतिशत केवल 54.73 ही रह गया है, जबकि वर्ष 2017 में जिले का पास प्रतिशत 62.94 था। 12वीं के परीक्षा परिणाम में भी पिछले कई वर्षो से टॉप तीन में रहने वाला जिला इस वर्ष 14वें नंबर पर खिसक गया। इसलिए प्रत्येक खंड के प्राचार्यों को पिछले दिनों हुई कई बैठकों के दौरान यही हिदायत दी गई कि प्री-बोर्ड को ही बोर्ड समझकर चला जाए और किसी भी विद्यार्थी को नकल नहीं करने दी जाए।