बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे मोहन नगर निवासी
जागरण संवाददाता, सोनीपत : रोहतक फ्लाईओवर के पास स्थित मोहन नगर को बसे वर्षों बीत चुके हैं, मगर यहां अभी भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। स्थानीय निवासी स्वच्छ पेयजल को तरस रहे हैं। यहां सप्लाई होने वाले पानी में टीडीएस की मात्रा अधिक होने की वजह से यह पीने लायक नहीं है जिससे लोगों को अन्य विकल्प तलाशने पड़ते हैं। इसके अलावा बार-बार शिकायत करने के बाद यहां सीवर पाइपलाइन दबाने का काम शुरू तो हो गया मगर पूरा नहीं हो सका।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : रोहतक फ्लाईओवर के पास स्थित मोहन नगर को बसे वर्षों बीत चुके हैं, मगर यहां अभी भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। स्थानीय निवासी स्वच्छ पेयजल को तरस रहे हैं। यहां सप्लाई होने वाले पानी में टीडीएस की मात्रा अधिक होने की वजह से यह पीने लायक नहीं है जिससे लोगों को अन्य विकल्प तलाशने पड़ते हैं। इसके अलावा बार-बार शिकायत करने के बाद यहां सीवर पाइपलाइन दबाने का काम शुरू तो हो गया मगर पूरा नहीं हो सका। कर्मचारियों द्वारा पाइप गली में छोड़ दिए गए हैं और काम अधर में लटका है। वहीं गलियों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। सफाई के लिए कोई निगम कर्मचारी नहीं आते जिससे गलियों के साथ नालियां भी जाम होने लगती है। स्वच्छ पेयजल को तरसे लोग
मोहन नगर में सप्लाई होने वाला पानी इस लायक नहीं होता कि इसे पीया जा सके। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस पानी में टीडीएस की मात्रा अधिक है जिससे लोग इसे पेयजल के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर पाते। मजबूरी में लोग कॉलोनी के आसपास स्थित सबमर्सिबल पंपसेट से मटके व बाल्टियों में पेयजल भरकर लाते हैं। पास स्थित श्मशान घाट से भी काफी लोग पेयजल लेकर आते हैं। स्थानीय निवासियों की सबसे पहली मांग यही है कि उनके यहां सप्लाई का पानी स्वच्छ आना चाहिए जिससे उन्हें किसी प्रकार की मुसीबत न उठानी पड़े। लोगों का कहना है कि वह विभाग में इसकी शिकायत कई बार कर चुके हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं होती है, जिससे उन्हें बेहद परेशानी झेलनी पड़ती है। अधूरा पड़ा सीवर पाइपलाइन का काम
मोहन नगर में अभी तक सीवर व्यवस्था नहीं है। लोगों की मांग पर काफी समय बाद सीवर पाइपलाइन दबाने का कार्य शुरू तो किया गया मगर यह पूरा नहीं हो सका। लोगों का आरोप है कि पाइप दबाने के लिए कॉलोनी में कई जगह गहरे गड्ढे खोद दिए गए और उन्हें ऐसे ही छोड़ दिया गया। एक गड्ढा तो नई अनाज मंडी के मुख्य द्वार से सटाकर खोदा गया था, जिसे बंद नहीं किया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गड्ढा खोदे हुए कई महीने बीत चुके हैं जिस दौरान इसमें लोगों के गिरने की दो दुर्घटना भी हो चुकी हैं। लोगों का आरोप है कि अगर सीवर व्यवस्था नहीं है तो कम से कम नालियों की सफाई तो करा ही देनी चाहिए, मगर इस ओर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। चरमराई हुई है सफाई व्यवस्था
मोहन नगर इलाका सफाई के नाम पर शून्य है। यहां मुख्य सड़क से अंदर प्रवेश करते हैं तो गंदगी से ही स्वागत होता है। गलियों में कई-कई दिनों तक झाडू तक नहीं लगाई जाती। इसके अलावा कूड़ा उठाने वाली गाड़ी नहीं पहुंचती जिससे कई लोग तो जहां-तहां गंदगी फेंक देते हैं जोकि कुछ ही दिनों में सड़कर बदबू फैलाने लगती है। लोगों का कहना है कि जब नगर निगम उनसे सभी तरह के टैक्स वसूल रहा है तो उन्हें बुनियादी सुविधाओं से किस आधार पर वंचित रखा जा रहा है। कॉलोनी से सटकर अनाज मंडी है जोकि गलियों से ऊंचाई पर स्थित है। जब मंडी में सीवर का दूषित पानी ओवरफ्लो होता है तो लोगों के घरों व दीवारों में लीक होता है। इससे आसपास के कई मकानों में तो दरारें तक आ गई हैं। लोगों की मांग है कि मंडी के सीवर दुरुस्त हों ताकि उनका पानी कॉलोनी या उनके घरों में न पहुंचे। इतिहास
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां लोगों ने 25 वर्ष पहले आकर बसना शुरू किया। इसके बाद तेजी से इलाके का विस्तार होता चला गया। शुरुआत में यहां मजदूर तबके के लोगों की आबादी अधिक थी। इसके बाद निम्न मध्यम वर्ग की बसावट शुरू हुई और अब सभी तरह के लोग यहां रहते हैं। विशेषता
मोहन नगर से एक बाईपास सड़क होकर गुजरती है जोकि ककरोई रोड से चलकर रेलवे लाइन पार करती हुई सीधी राठधना रोड पर निकलती है। शहर के जाम से बचने के लिए लोग इस रास्ते का प्रयोग करते हैं। कॉलोनी के पास शहर की अनाज मंडी है। यह कॉलोनी ऐसे स्थान पर है जहां शहर के दोनों हिस्सों यानी सुभाष चौक साइड या लाइन पार रोहतक रोड पर 5 से 7 मिनट में पहुंचा जा सकता है। सुझाव
- प्रशासन को पेयजल का कोई स्थायी समाधान निकालना चाहिए।
- नगर निगम को सफाई के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए।
- प्रशासन को सीवर के अधूरे पड़े काम को तुरंत शुरू कराना चाहिए।
- अनाज मंडी से ओवरफ्लो होने वाले दूषित पानी को उचित प्रबंध होना चाहिए।
मोहन नगर की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए मैं कई बार प्रयास कर चुका हूं। यहां हर प्रकार की समस्याएं हैं। स्वच्छ पेयजल की किल्लत है। निकासी के लिए सीवर नहीं है। गलियों से लेकर नालियों में गंदगी जमा रहती है। इन समस्याओं के निदान के लिए कोई सुध नहीं लेता। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
- रामफल मलिक मोहन नगर की गलियों में हर प्रकार की दिक्कतें दिख जाएंगी। यहां लोग साफ-सफाई नहीं रहने से परेशान है। पीने के पानी के लिए लोगों को दूरदराज तक जाना पड़ता है। इस ओर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। पेयजल की किल्लत से यहां सैकड़ों लोग रोजाना परेशान होते हैं। इसका स्थायी समाधान बहुत जरूरी हो गया है।
- दिलबाग ¨सह गलियों से गुजरनी वाली नालियां हर समय जाम रहती है। अगर गलियों की साफ-सफाई भी समय से होती रहे तो कम से कम नालियां भी जाम होने से बची रहे। गलियों की गंदगी नालियों में जमा होती है जिससे यह जाम हो जाती है। गलियों या नालियों की सफाई के लिए कोई कर्मचारी नहीं आता। सभी परेशान आ चुके हैं।
- प्रदीप मोहन नगर से सटकर अनाज मंडी है जोकि हमारे इलाके से काफी ऊंचाई पर है। जब भी बरसात हो या सीवर का दूषित पानी हो, वह मंडी के साथ लगते घरों की दीवारों में लीक होने लगता है। इससे लोगों के घरों में सीलन व दरार आना शुरू हो चुकी है। इस समस्या का समाधान तुरंत निकाले जाने की आवश्यकता है।
- आनंद ¨सह पीने के पानी की तो इतनी दिक्कत है कि घर व बाहर के काम के अलावा बाहर से पानी भरकर लाना भी हमारी दिनचर्या में शामिल हो चुका है। महिलाओं को दिन में कई बार पानी भरकर लाना पड़ता है। प्रशासन को इसके लिए तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए।
- अनीता हमारे यहां समस्याओं का अंबार लगा है। सीवर का काम शुरू हुआ तो लगता था कि अब इस ओर तो कुछ सुधार होगा। मगर यह काम भी कई दिन चलने के बाद बंद हो गया। अब सीवर के लिए मंगाई गई पाइप ऐसे ही गली में पड़ी है। पता नहीं कब यह काम सिरे चढ़ेगा और लोगों को बदबूदार नालियों से निजात मिल सकेगी।
- युद्धवीर ¨सह मोहन नगर में स्वच्छता के प्रति गंभीरता दिखानी जरूरी है। आसपास के इलाकों में साफ-सफाई करा दी जाती है जबकि यह इलाका ऐसे ही पड़ा रहता है। यहां नियमित तौर पर सफाई व्यवस्था लागू कराई जानी चाहिए। अवरुद्ध होने वाली नालियों की सफाई भी समय-दर-समय की जाने की आवश्यकता है।
- नवदीप सीवर के लिए खोदे गए गड्ढे लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। एक गड्ढा तो इतना बड़ा है कि इसमें पानी भर चुका है और यह बड़े हादसे को न्योता दे रहा है। अंधेरे में कोई बच्चा इसमें गिर गया तो बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। सीवर का काम शुरू कराकर इस मुसीबत से छुटकारा मिलना चाहिए।
- कुलदीप
हम शहर में सफाई व्यवस्था को कायम रखने के लिए अलर्ट हैं और डोर-टू-डोर के लिए जाने वाली गाड़ियां भी पूरी तरह एक्टिव हैं। लोगों को भी अपने स्तर पर जागरूक होना चाहिए। जहां गंदगी की समस्या अधिक है वहां से कूड़ा निस्तारण को और अधिक सु²ढ़ किया जाएगा।
- जितेंद्र नरवाल, सफाई निरीक्षक, नगर निगम
मोहन नगर में पेयजल व सीवर की समस्या से निपटने के लिए अमृत योजना के तहत काम होना है। पेयजल के लिए इलाके में तीन सबमर्सिबल पंप भी लगवाए थे, जिसका उपयोग दबंगई से न कर सर्वजन हिताय के रूप में होना चाहिए।
- प्रमोद शर्मा, पूर्व पार्षद