हवा में सुप्रीम आदेश, खराब हुई शहर की आबोहवा
शहर में दिनभर स्मॉग छाया रहा, जबकि इस दौरान हवा में पीएम-2.5 का 350 पर पहुंच गया, जो कि दिवाली से पहले 60 पर था।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : दिल्ली-एनसीआर की बिगड़ती आबोहवा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले ही साधारण पटाखे बेचने से लेकर छोड़ने तक पर रोक लगाई थी, मगर बुधवार को इसका असर देखने को नहीं मिला। जिलेभर में सड़कों व गलियों में रात करीब एक बजे तक जमकर आतिशबाजी हुई। इसका असर बृहस्पतिवार की सुबह साफ तौर पर देखने को मिला। शहर में दिनभर स्मॉग छाया रहा, जबकि इस दौरान हवा में पीएम-2.5 का 350 पर पहुंच गया, जो कि दिवाली से पहले 60 पर था।
सोनीपत क्षेत्र की आबोहवा में बृहस्पतिवार की सुबह पीएम-2.5 का स्तर 350 जबकि पीएम-10 का स्तर 650 तक पहुंच गया। दिवाली से पहले यहां पीएम 2.5 का स्तर 60 और पीएम 10 का स्तर 100 के आसपास था। प्रदूषण की वजह से बृहस्पतिवार की शाम तक आंखों में जलन महसूस हो रही थी। सूप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने शहर में खुलेआम साधारण पटाखा तो नहीं बिकने दिया, लेकिन पटाखा छोड़ने को लेकर सख्ती नदारद दिखी। प्रशासन ने पटाखा छुड़ाने के लिए आदेश के अनुसार समय और विभिन्न पार्कों में स्थान तय रखे थे, लेकिन इसका शायद ही पालन हुआ। शाम छह बजे से पिछले वर्षों की तरह पटाखों की आवाजें आनी शुरू हो गई, जो कि देर रात जारी रही। अधिकांश पटाखे सड़कों या विभिन्न मोहल्लों की गलियों में ही लोगों ने अपने घरों के सामने चलाए। इतना ही नहीं दिवाली के अगले दिन बृहस्पतिवार को भी पटाखों का शोर सुनाई पड़ा। सोनीपत, गोहाना, गन्नौर व खरखौदा शहर से लेकर गांवों तक खूब पटाखे छोड़े गए और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी निष्क्रिय दिखे। जिले में पटाखा चलाने पर दो पर मामला दर्ज
पटाखा चलाने के सुप्रीम कोर्ट और जिला दंडाधिकारी के आदेश को लेकर पुलिस ने महज खानापूर्ति की। पुलिस ने गोहाना सिटी में एक और सोनीपत सिटी थाना में एक व्यक्ति को अवैध रूप से पटाखा छोड़ते हुए पकड़ा और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। बाद में उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
पटाखों के कारण सोनीपत क्षेत्र में पीएम-2.5 का स्तर 350 जबकि पीएम-10 का स्तर 650 तक पहुंच गया। पीएम-2.5 की वजह से ²ष्टता पर असर पड़ा जिससे दूर की चीजें साफतौर पर नहीं दिखी। वहीं पीएम-10 का असर स्वास्थ्य पर पड़ा जिससे खासकर बच्चे, बुजुर्ग व बीमार लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में तकलीफ हुई। प्रदूषण के कण पूरी तरह शुक्रवार की शाम तक ही साफ हो पाएंगे।
- विनय गिल, सहायक पर्यावरण अभियंता, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड