सात बहनों व दो भाइयों का पेट पाल रहा था मुबारक
सड़क हादसे में मौत का शिकार हुआ यूपी में मुजफ्फनर नगर में शफीकपुर पट्टी निवासी मुबारक अपनी सात बहनों और दो भाईयों का पेट पाल रहा था। उसने करीब तीन माह पहले ही हरियाणा में भिवानी व हिसार क्षेत्र में कपड़े बचने का काम शुरू किया था। मुबारक के भाई शफीक ने बताया कि हादसे में उनके परिवार का सहारा ही छिन गया।
संवाद सहयोगी, गोहाना (सोनीपत) :
सड़क हादसे में मौत का शिकार हुआ यूपी में मुजफ्फरनगर नगर में शफीकपुर पट्टी निवासी मुबारक अपनी सात बहनों और दो भाइयों का पेट पाल रहा था। उसने करीब तीन माह पहले ही हरियाणा में भिवानी व हिसार क्षेत्र में कपड़े बचने का काम शुरू किया था। मुबारक के भाई शफीक ने बताया कि हादसे में उनके परिवार का सहारा ही छिन गया।
मुबारक सात बहनों और तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। पिता की मौत के बाद भाई-बहनों और मां के खर्च चलाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आन पड़ी थी। सातों बहनें अविवाहित हैं। परिवार का खर्च चलाने के लिए वह तीन माह पहले हरियाणा में कपड़े बेचने का काम करने आया था। यहां जो भी पैसे कमाता उन्हें अपने घर भेज देता था। उसी से ही परिवार का खर्च चल रहा था। शफीक ने बताया कि भगवान ने उनसे परिवार का सहारा छीन लिया है।
पीड़ितों को ढांढस बंधाने वाले भी फूट-फूट कर रोने लगे
गांव खानपुर कलां स्थित बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में गांव मुंडलाना के निकट सड़क हादसे में मारे गए 12 व्यक्तियों के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। अस्पताल में सुबह से ही पीड़ित परिजनों के साथ उनके रिश्तेदारों व परिचित पहुंच गए। अस्पताल में हर-तरफ रोने व चीखने की आवाज सुनाई देने लगी। पीड़ितों को जो सहारा बन कर उन्हें ढांढस बंधाने पहुंचे थे, अस्पताल के हालात व परिजनों की चित्कार सुनकर वे भी फूट-फूट कर रोने लगे। इस तरह के मंजर को देखकर अस्पताल में उपचार कराने पहुंचे अन्य रोगियों व उनके सहयोगियों की भी आंखें नम हो गई। ढाई घंटे में 12 चिकित्सकों ने किए पोस्टमार्टम
बीपीएस अस्पताल के चिकित्सकों ने भी हाईवे पर हुए सड़क हादसे में मारे गए व्यक्तियों के शवों का पोस्टमार्टम जल्द कराने के लिए 12 चिकित्सकों व 4 कर्मचारियों की टीम गठित की गई है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निदेशक डॉ. एसपीएस बत्रा ने बताया कि इस टीम ने करीब ढाई घंटे में ही सभी शवों का पोस्टमार्टम कर उन्हें परिजनों को सौंप दिए। रविवार को सड़क हादसे में 12 व्यक्तियों की मौत हुई थी और उनके शव बीपीएस अस्पताल में रखे गए थे। सुबह करीब आठ बजे ही पीड़ित परिजन और पुलिस की टीम अस्पताल पहुंच गई। पुलिस ने रात को ही अपने दस्तावेज तैयार कर लिए थे। अगर अस्पताल में एक-एक शव का पोस्टमार्टम किया जाता तब कई घंटे लग जाते।