जाटी गांव में तालाब की पटरी टूटने से खेतों में भरा पानी
क्षेत्र के गांव जाटी कलां में दो दिन से हो रही बरसात के कारण गांव के तालाब की पटरी टूटने से दूषित पानी गलियों व आसपास के खेतों में भर गया। रात को हुई बरसात के बाद रविवार की सुबह जब ग्रामीण अपने खेतों में गए तो देखा कि उनके खेतों में इस तरह से पानी भरा हुआ है जैसे कोई माइनर टूट गई हो।
संवाद सहयोगी, राई : क्षेत्र के गांव जाटी कलां में दो दिन से हो रही बरसात के कारण गांव के तालाब की पटरी टूटने से दूषित पानी गलियों व आसपास के खेतों में भर गया। रात को हुई बरसात के बाद रविवार की सुबह जब ग्रामीण अपने खेतों में गए तो देखा कि उनके खेतों में इस तरह से पानी भरा हुआ है जैसे कोई माइनर टूट गई हो। ग्रामीणों ने प्रशासन से गांव के दूषित पानी की निकासी के लिए तालाब की पटरी को ठीक करवाने के साथ खेतों में भरे पानी को निकलवाने की मांग की, ताकि ग्रामीण अपनी फसलों को बचाने के साथ धान की रोपाई की तैयारी कर सके।
ग्रामीण प्रेम, राजबीर, ओमप्रकाश, विरेन्द्र, लक्ष्मी नारायण, कर्मबीर, धर्मबीर आदि किसानों के खेतों में पानी भर गया। उन्होंने बताया कि खेत में उन्होंने ज्वार की बुआई करने के साथ धान की रोपाई के लिए पौध भी लगा रखी थी। अगर उनके खेतों से पानी नहीं निकाला गया तो फसल खराब हो जाएगी। उन्होंने बताया कि तालाब से पानी की निकासी व समाधान के लिए उन्होंने ग्राम पंचायत व प्रशासन को भी अवगत करवाया था लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। दो दिनों से हो रही बरसात के कारण तालाब की पटरी टूट गई। गांव में होने वाली बारिश व गंदा पानी इसी तालाब में आता है। जिस कारण पानी ओवरफलों होने से पटरी टूट गई। लॉकडाउन की वजह से नहीं हुआ समाधान : सरपंच
गांव के सरपंच जसबीर ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या के समाधान के लिए उन्होंने उपायुक्त को समाधान पत्र देकर पानी निकासी समाधान की मांग की थी। उसके बाद कोरोना के कारण लाकडाउन व प्रशासन की ढील के कारण किसानों को नुकसान हो गया।