माता-पिता की सेवा से प्राप्त होता है तीनों लोक का सुख : जयदेव शास्त्री
गीताभवन मंदिर मॉडल टाउन के पुरोहित आचार्य जयदेव शास्त्री ने कहा कि परिवारों में सबसे ज्यादा ध्यान संतान के निर्माण पर देने की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत: गीताभवन मंदिर मॉडल टाउन के पुरोहित आचार्य जयदेव शास्त्री ने कहा कि परिवारों में सबसे ज्यादा ध्यान संतान के निर्माण पर देने की जरूरत है। संतान को संस्कारवान बना लिया तो जीवन का अंतिम प्रहर सुखमय होगा। आजकल सबसे बड़ी विडंबना यह है कि लोग समय पर संतान की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं। कारोबार और सांसारिक वस्तुओं के मोह में संतान के प्रति दायित्व को भूल जाते हैं। ऐसे में संतान भी भौतिकवादी हो जाती है। ऐसे परिवारों में लोगों का जीवन बड़ा कष्टमय हो जाता है।
इतिहास साक्षी है कि परिवारों में संतान को संस्कार सिखाए जाते थे। परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का भान कराने के लिए नैतिक शिक्षा पढ़ाई जाती थी। ऐसे बच्चे समझते थे कि माता-पिता के चरणों की सेवा में ही स्वर्ग है। वह तीनों लोकों का आनंद माता-पिता की सेवा में प्राप्त करते थे। सबसे बड़ी बात यह है कि परिवारों में बच्चे उन्हीं माता-पिता का सम्मान करते हैं, जो बच्चों के सामने अपने माता-पिता या सास-ससुर की सेवा करते हैं। समाज में कुछ भी अनायास नहीं होता है। यह आदान-प्रदान है। इसलिए अपनी संतान को संस्कारवान बनाने और उनके सामने अपने बड़ों की सेवा करने की जरूरत है।