मानवता व राष्ट्रवाद की भावना का प्रणेता है संघ : चमौली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जिला दायित्व प्रभारी अरविद चमौली ने स्वयं सेवकों को राष्ट्रप्रेम का पाठ पढ़ाया।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जिला दायित्व प्रभारी अरविद चमौली ने कहा कि संघ मानवता व राष्ट्रवाद का प्रणेता है। संघ लोगों में सेवा, प्रेम व समर्पण के संस्कार पैदा करने वाला संगठन है। आदिवासी और वनवासी क्षेत्रों तक में सेवा का कार्य संघ करता है। लोगों को संघ को समझने की जरूरत है, जिसने संघ को समझ लिया, वह उसका होकर रह गया। वह विजयदशमी पर आरएसएस के 95वें स्थापना दिवस पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते संघ का पथ संचलन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि वेदों ने लोगों को मनुष्य बनने का उपदेश किया है। ऐसे में मानवता के सच्चे गुणों को धारण करना और उनका विस्तार कर समाज व राष्ट्र को उनका लाभ पहुंचाना संघ की विचारधारा है। निराश्रित लोगों को संघ ने आश्रय दिलवाया है। वनवासी और आदिवासी क्षेत्रों में सेवा व शिक्षा का अभियान चलाया है। देश में जो भी संकट आए, संघ के स्वयंसेवक हमेशा अग्रणी पंक्ति में खड़े मिले हैं। संघ की मूल विचारधारा राष्ट्रवाद की है। जहां का अन्न-जल-वायु पाकर शरीर बढ़ा है, उसकी रक्षा करना हमारा नैतिक दायित्व है।
इस अवसर पर आरएसएस के स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित रहे। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार पथ संचलन नहीं किया गया। इस अवसर पर शस्त्र पूजन भी किया गया। सेक्टर-14 के वीटा पार्क के पास केशव तरुण शाखा संघ स्थान पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें संघ की केशव तरुण, माधव अनुभवी, डा. भीमराव अंबेडकर सेक्टर 12, खुदीराम बोस ओमेक्स सिटी, चाणक्य शाखा डीक्रस्ट, राजगुरु शाखा रामलीला मैदान और गुरु गोविद सिंह शाखा के स्वयंसेवकों ने भाग लिया।